________________ // 383 // // 384 // // 385 // // 386 // // 387 // // 388 // एसो भगवं वीरो पासो मल्ली य तिहि तिहि सएहि / भगवं पि वासुपुज्जो छहिं पुरिससएहिं निक्खंतो . उग्गाणं भोगाणं रायण्णाणं च खत्तियाणं च / चठहिं सहस्सेहिं उसहो सेसा उ सहस्सपरिवारा चउरासीइ बिसत्तरि सट्ठी पन्नासमेव लक्खाई। वत्ता तीसा वीसा दस दो एगं च पुव्वाणं / चउरासी बावत्तरि य सट्ठी य होइ वासाणं / तीसा य दस य एगं एवं एए सयसहस्सा पंचाणउइ सहस्सा चउरासीई य पंचवन्ना य / तीसा य दस य एगं सयं च बावत्तरी चेव एगो भगवं वीरो तेत्तीसाए सह निव्वुओ पासो / छत्तीसेहिं पंचहि सएहिं नेमी उ सिद्धिगओ. पंचहि समणसएहि मल्ली संती उ नवसएहिं तु। अट्ठसएणं धम्मो सएहि छहिं वासुपुज्जजिणो सत्तसहस्साणंतइजिणस्स विमलस्स छस्सहस्साई। पंच सयाइं सुपासे पउमाभे तिण्णि अट्ठसया दसहि सहस्सेहिं उसहो सेसा उ सहस्सपरिवुडा सिद्धा। तित्थयरा उ दुवालस परिनिट्ठियअट्ठकम्मभरा अट्ठावयचंपुज्जिंतपावासम्मेयसेलसिहरेसु। . उसभवसुपुज्जनेमी वीरो सेसा य सिद्धिगया . इत्तो जिणंतराइं वोच्छं किल उसभसामिणो अजिओ। पण्णासकोडिलक्खेहिं सायराणं समुप्पन्नो तीसाए संभवजिणो दसहि उ अभिणंदणो जिणवरिंदो / नवहि उ सुमइजिणिदो, उप्पनो कोडिलक्खेहि // 389 // // 390 // // 391 / / // 392 // // 393 // // 394 // .. . 33