________________ काय१ मणोर वयणाणं३ दुप्पणिहाणं सईअकरणं च४ / अणवट्ठियकरणं चिय५ सामाइय पंच अइयारा // 421 // आणवणं१ पेसवणं२ सद्दणुराओ३ सरूवअणुवाओ४ / बहिपुग्गलपक्खेवो५ दोसा देसावगासिस्स // 422 // अप्पडिलेहि१ अपमज्जियं च२ सिज्जाणि थंडिलांणि तहा४ / . सम्मं च अणणुपालण५ अइयारा पोसहे पंच : // 423 // सच्चित्ते निक्खिवणं१ सचित्तपिहणं च२ अन्नववएसो३ / मच्छरियं तह४ कालाइयं च५ दोसाऽतिहिविभागे // 424 // दसण१ वयर सामाइय३ पोसह४ पडिमा५ अबंभ६ सच्चित्ते७ / आरंभ८ पेस९ उद्दिट्ठ१० वज्जए समणभूए य११ . // 425 // साहम्मियाण वच्छलं, कायव्वं भत्तिनिब्भरं। विवायं कलहं वज्जे जओ सुत्ते वियाहियं ... // 426 // तं अत्थं तं च सामत्थं विनाणं च स उत्तमं / साहमियाण कज्जम्मि जं वच्चंति सुसावया ! // 427 // महाणुभावेण गुणायरेणं वइरेण पुव्विं सुयसायरेणं / सुयं सरंतेण जिणुत्तमाणं वच्छल्लयं तेण कयं तु जम्हा // 428 // न कयं दीणुद्धरणं न कयं साहम्मियाण वच्छल्लं / हिययम्मि वीयराओ न धारिओ हारिओ जम्मो // 429 // जक्खा गोमुह१ महजक्खर तिमुह३ ईसर४ सतुंबरू५ कुसुमो६ / मायंगो७,विजया८ जिय९ बंभो१० मणुओ११ सुरकुमारो१२॥ 430 // छम्मुह१३ पयाल१४ किन्नर१५ गरुडो१६ गंधव्व१७ तहय जक्विंदो कूबर१९ वरुणो२० भिउडी२१ गोमेओ२२ वामण२३ मयंगो२४ देवीओ चक्केसरि१ अजियार दुरियारि३ कालि४ महकाली५ / सोमाद संता७ जाला८ सुतारया९ सोय१० सिरिवच्छा११ // 432 // 200