________________ वायाइ नमोक्कारो हत्थुस्सेहो य सीसनमणं च। संपुच्छणऽच्छणं छोभवंदणं वंदणं वा वि . // 397 // जं सक्कइ तं कीरइ जं च न सक्केइ तस्स सद्दहणा। केवलिणा पन्नत्तं सद्दहमाणस्स पत्त (सम्म) तं / // 398 // पाणिवह१ मुसावाए२ अदत्त३ मेहूण४ परिग्गहे५ चेव। . दिसि६ भोग७ दंड, समइये९ देसे१० तह पोसह११ विभागे१२ लद्धट्ठा गहियट्ठा पुच्छियट्ठा विणिच्छियट्ठा य / अहिगयजीवाईया अचालणिज्जा पवयणाओ // 400 // सुत्ते अत्थे कुसला उवसग्गाववायए तहा कुसला। .. ववहारभावकुसला पवयणकुसला उ छब्भेया // 401 // केसि पि संजयाणं केहि पि गुणेहिं सावया अहिया। तम्हा ते देसजई इयरे उभए वि पन्भट्ठा // 402 // पण संलेहण 5 पन्नरस कम्म१५ नाणाइ अट्ठ पत्तेयं 24 / / बारस तव.१२ विरियतिगं३. पण सम्म५ वयाइ६० पत्तेयं // 403 // इहपरलोयासंसप्पओगर मरणं च३ जीवियासंसा४ / कामे भोगे य तहा५ मरणंते पंच अइयारा // 404 // भाडी१ फोडी२ साडी३ वण४ अंगारसरूवकम्माइं५ / वाणिज्जाणि य विस६ लक्ख७ दंत८ रस९ केस१० विसयाणि११ / दवदाण११ जंतवाहण१२ निलंछण१३ असइपोससहियाणि१४ / सजलासयसोसाणि य१५ कम्माई हवंति पन्नरस // 406 // काले विणए बहुमाणुवहाणे तहय अनिण्हवणे। . वंजण अत्थ तदुभए अट्ठविहो नाणमायारो // 407 // निस्संकिय निकंखिय निव्वितिगिच्छा अमूढदिट्ठी अ। उववूह थिरीकरणे वच्छल्ल पभावणे अट्ठ 58 // 408 //