________________ // 84 // // 85 // // 86 // // 87 // // 88 // // 89 // अरिहंताई पंचप्पयाण उवरिं तु आणुपुव्वीणं / वीससयं तस्सक्खियपंतीहिं इह ठवेयव्वं पुव्वाणुपुब्वि हेट्ठा समयाभेएण कुरु जहाजेहूँ / उवरिमतुल्लं पुरओ नसेज्ज पुव्वक्कमो सेसे जम्मी किर पक्खित्ते पुणरवि सो चेव अंकविनासो। सो होइ समयभओ वज्जेयव्वो पयत्तेण दुविहतिविहा य छच्चेव भंगया तह य हुंति तिन्नेव / तिन्नि दुगा इच्चाई नव चेव य भंगया हुंति छब्मंगयाए उवरि इगवीसं भंगया मुणेयव्वा / नवभंगियाएँ उवरि एगुणवन्नास भंगाओ एगाई एगुत्तरपत्तेयपयम्मि उवरि पक्खेवो। एकेकहाणिअवसाणभंगया हुंति नायव्वा / अहवा पयाणि ठविउं अक्खे घेत्तूण चारणं कुज्जा। . इमदुग तिगसंजोगो भंगाणं संखा नायव्वा सन्मंगी नवभंगी इगवीसं इगुणवत्रभंगीहि / बायठवरि पत्तेयं देउलिया बारस हवंति तेरसपएसियं खलु तावइएसुं भवे पएसेसुं। .. अंदव्वं ओगाढं जहन्नगं तं दसदिसागं तेरसपएसियं इह जंतं भूमीऍ ठावेइत्ताणं। . बहन्नावगाहदव्वं विनेयं निउणबुद्धीहिं . अट्ठपएसो रुयगो तिरियं लोगस्स मज्झयारम्मि / इस पभवो दिसाणं एसेव भवे अणुदिसाणं दुपएसाइ दुरुत्तर एगपएसा अणुत्तरा चेव। बाउये चउरो य दिसा चउराइ अणुत्तरा हुंति 221 // 90 // // 91 // // 92 // // 93 // // 94 // // 95 //