________________ विद्धंसइ णंतरए एवं बीयं अबीयमवि हुज्जा / तेण परं जोणीए वुच्छेदे आवि पन्नत्ते // 415 // सत्तम उद्देसाओ पण्णत्तीए सयस्स छट्ठस्स। धण्णाण उ पमाणं उद्धरियं समरणट्ठाए . // 416 // ओग्गहणंतग 1 पट्टो 2 अद्धोरुय 3 चलणियो 4 य बोधव्वा / / अभिंतर 5 बाहिनियंसणी 6 य तह कंचुए 7 चैव : // 417 // उक्कूच्छिय 8 वेगच्छिय 9 संघाडी 10 चेव खंधगरणी 11 य। ओहोवहिम्मि एए अज्जाणं पण्णवीसं तु . // 418 // गब्भय तिरिइत्थीणं उक्कोसा होइ अट्ठ वरिसाणि। . सा बारस नारीणं कायट्ठिई होइ चउवीसं // 419 // वस 1 संग 2 भय 3 कारणिय 4, लज्जा 5 गारव 6 अधम्म 7 धम्मे 8 य / काहीय 9 कयमाणेण 10, दाणमेयं भवे दसहा . // 420 // अणावाए 1 असंलोए 2 परस्साणुवघाइए 3 / समे४ अझुसिरे५ यावि चिरकालकयम्मि 6 य // 421 // विच्छिने७ दूरमोगाढे८ नासण्णे९ बिलवज्जिए 10 / तसपाणबीयरहिए११ उच्चाराईणि वोसिरे // 422 // तणपणगं पुण भणियं जिणेहि जियरागदोसमोहेहिं / साली 1 वीहिय 2 कोद्दव 3 रालग 4 रण्णे 5 तणाइं च // 423 // अय 1 एल 2 गावि 3 महिसी 4 मिगाण 5 मजिणं च पंचमं होइ। तलिगा 1 खल्लग 2 वद्धे 3 कोसग 4 कित्ती 5 य बीयं तु।। 424 // छव्वय 6 छक्कायरक्खा 12 पंचिंदिय 17 लोहनिग्गहो 18 खंती 19 / भावविसुद्धि 20 पडिलेहणाकरणे विसुद्धी य 21 // 425 // 180