________________ नियट्टी 8 अनियट्टी 9 सुहुमु 10 वसम 11 . खीण 12 सजोगी 13 अजोगी 14 गुणा // 391 // एगिदित्तणे जे देवा चवंति तेसिं पमाणसो थोवा। .. कत्तो मे मणुअभवो इय चिंतंतो सुरो दुहिओ '. // 392 // पत्तं पुष्पं हरियं अबंधबीयं च जं फली होइ.। बिट मिलाणम्मि य नियमाउं होइ अच्चित्तं // 393 / / सामाइयत्थ पढमं छेओवट्ठावणं भवे बीयं / परिहारविसुद्धीयं सुहुमं तह संपरायं च . // 394 // तत्तो अ अहक्खायं खायं सव्वम्मि जीवलोगम्मि।.. जं चरिऊण सुविहिया वच्चंति अयरामरं ठाणं . // 395 // पंडए वाइए कीबे कुंभी सालुइतीसऊणी। तक्कामसेवय पक्खिया परिकप्पिइंय सोगंधेइय आसत्ता // 396 // महिलासहावो१ सरवन्नभेओर मोहो महंतो३ महुया च वाणी४ / ससद्दयं मुत्त५ मफेणयं च 6 एयाणि छ पंडगलक्खणाणि॥ 397 // नीलीरंगियवत्थं मणुयसेदेण होइ तक्कालं। कुंथु तसा य निगोया उप्पज्जती बहू जीया // 398 // गुलिएण वत्थेण मणुस्स देहे पंचिंदिया तम्मि निगोय जीवा / जीवाण उप्पत्तिविणाससंगे भणइ जिणो पन्नवणाउवंगे // 399 // वालग्गकोडिसरिसा उरपरिसप्पा गुलियमज्झम्मि। संमुच्छंति अणेगा दुप्पेच्छा चरमचक्खूणं काले सुपत्तदाणं 1 सम्मत्तविसुद्धी 2 बोहिलाहो 3 च। अंते समाहिमरणं 4 अभव्वज़ीवा न पावंति // 401 / / पढमित्थ विमलवाहण 1 चक्खू 2 जसमं 3 चउत्थमभिचंदे 4 / तत्तो पसेणजिय५ मरुदेवो६ चेव नाभी 7 य // 402 // 108 // 400 //