________________ अरहंत (ति) वंदणनमं-सणाइ अरहंति पूअसक्कारं। सिद्धिगमणं च अरहा अरहंता तेण वुच्चंति // 204 // अच्चंतं दड्डम्मि य बीयम्मि अंकुरो जहा न रुहइ।... दड्डम्मि कम्मबीए न रुहइ भवंकुरो य तहा // 205 // अन्नाण 1 कोह 2 मय 3 माण 4 लोह 5 माया 6 रइ य 7 अरइ.८ य निद्दा 9 सोय१० अलियं 11 चोरिया१२ मच्छर१३ भयाई 14 206 पाणिवह 15 पेमकीला 16 पसंग 17 हासाइ 18 जस्स ए दोसा। अट्ठारस वि नट्ठा नमामि देवाहिदेवं तं // 207 / / कंकेल्ली१ कुसुमवुट्ठी२ दिव्वझुणि३ चामरासणाइं४-५ च / भामंडल६ भेरि७ छत्तं८ जयंति जिणपाडिहेराइं // 208 // जइ न कुणसि तवचरणं न पढसि न गुणसि न देसि तो दाणं / ता इत्तियं न सक्कसि जं देवो इक्क अरिहंतो / . // 209 // जह नरवईण आणं अइक्कमंता पमायदोसेणं / पावंति बंध वह रोह-छिज्ज-मरणावसाणाई // 210 // तह जिणवराण आणं अइक्कमंता पमायदोसेणं / पावंति दुग्गइपहे विणिवाय सहस्सकोडीओ // 211 // जिणाणाए कुणंताणं नूणं निव्वाणकारणं / सुंदरं पि सु(स) बुद्धीणं(ए) सव्वं भवनिबंधणं // 212 // आणाखंडणकारी जइ वि तिकालं महाविभूईसु (ए)। पूइए (एई) वीयरायं सव्वं पि निरत्थयं तस्स // 213 // इक्को साहू इक्का साहुणी सावओ व सड्डी वा। .. आणाजुत्तो संघो सेसो पुण अट्ठिसंघाओ // 214 // अभिहयाइहिं गुणिया पण सहस्स छ संयं तीसा य / ते रागदोसदुगुणा इक्कारस सहस्स दोसट्ठा / // 215 // 12