________________ उसभो य विणीयाए, बारवतीए अद्धिवरनेमी। अवसेसा तित्थयरा निक्खंता जम्मभूमीसु // 392 / / मल्ली पासो अरहा सेज्जंसो चेव वासुपुज्जो य। ... पुव्वण्हे पव्वइया, सेसा पुण पच्छिमण्हम्मि .: // 393 // एगो भगवं वीरो, पासो मल्ली य तिहिं तिहिं सएहिं। भगवं पि (? च) वासुपुज्जो छहिं पुरिससएहिं निक्खंतो // 394 // उग्गाणं भोगाणं राइण्णाणं च खत्तियाणं च। चाहिं सहस्सेहिं उसभो, सेसा सहस्सपरिवारा // 395 // उदिओदियकुल-वंसा सव्वे वि य जिणवरा चउव्वीसं। धण-कणग-रयणनिचए अवइज्झिय ते उ पव्वइया // 396 // समणगणपवरगुरुणो भवियजणविबोहगा जिणवरिंदा / पंचमहव्वयजुत्ता तव-चरणुवएसगा धीरा // 397 // सीहत्ता निक्खंता, सीहत्ता चेव विहरिया धीरा / सीहेहिं सीहसरिसं सीहललियविक्कम पत्ता // 398 // दंसण-नाण-चरित्तस्स देसगा चरणनिच्छयविहण्णू। नवसु वि वासेसेवं निक्खंता खायकित्तिजिणा // 399 // सुमइत्थ निच्चभत्तेणं निग्गओ, वासुपुज्जो जिणो चउत्थेण / पासो मल्ली वि य अट्ठमेण, सेसा उ छटेणं // 400 // संवच्छरेण भिक्खा लद्धा उसभेण लोगनाहेण / सेसेहि बीयदिवसे लद्धाओ पढमभिक्खाओ // 401 // उसभस्स पढमभिक्खा खोयरसो आसि लोगनाहस्स। सेसाणं परमन्नं अमयरसरसोवमं आसि // 402 // मल्ली पासुसभस्स य णाणं सेज्जंस वासुपुज्जस्स। पुव्वण्हे उप्पण्णं, सेसाणं मज्झिमण्हम्मि // 403 // GO