________________ // 176 // // 177 // // 178 // // 179 // // 180 // // 181 // मइणाणा अणत्यंतरभूयस्स वि चक्खुदंसणस्सेह। जह दंसणोवयारो जुत्तो तह केवलस्सावि भण्णइ चक्खुदंसणमइणाणत्तम्मि कालभेयकयं / जं जत्थ दंसणं तत्थ णत्थि कालम्मि नाणं तु जइ वा जुगवं चक्खुदंसणमइणाणविसयया होज्जा / तो जुगवं छउमत्थे वि होज्ज उवओगदुगमेवं तम्हा अचक्खुदंसणमिह दंसणमिट्ठमोग्गहेहाओ। सव्वत्थ अवाओ धारणा य सुद्धं मइण्णाणं आह किमोग्गहमेत्तं ण दंसणं होइ सेसयं णाणं / भण्णइ एगसमइओ जमोग्गहो णोवओगो उ * अंतोमुत्तमेत्तं उवओगो णिअमिओ जओ सुत्ते। तम्हा दंसणकालो सिद्धो फुडमोग्गहेहाओ जह सेसणाणदंसणणाणत्तं तह जिणम्मि किमणिटुं ? / णाणत्तं केवलणाणदंसणाणं संलक्खणओ णाणं वत्तं दंसणमव्वत्तं भणइ देसियं समए। .. तो णाणदंसणाणं जिणम्मि सविसेसणं जुत्तं भण्णइ केवलदसणमव्वत्तं जेण होज्ज को हेऊ?। जइ णाणाओ अण्णं वत्तं च हवेज्ज को दोसो! जह सव्वं विण्णेयं नाणेण जिणोऽमलं विजाणाइ। तह दंसणेण पासइ णिययावरणक्खए सम्म जेसिमणिटुं दंसणमण्णं णाणाहि जिणवरिंदस्स। तेसिं न पासइ जिणो सविसयणिययं जओ नाणं जह पासइ तह पासउ पासइ सो जेण दंसणं तं से। जाणइ अ जेण अरहा तं से णाणं निउत्तव्वं // 182 // // 183 // // 184 // // 185 // सदस। . // 186 // // 187 // 305