________________ श्रीपद्मविजयविरचितम् // गाड़ेयभग प्रकरणम्-१ // नमिऊण महावीरं गंगेयसुपुट्ठभंगपरिमाणं / पुव्वप्पगरणसेसं वुच्छं सुगुरूवएसेणं // 1 // वाणियगामे नयरे भयवं वीरो समोसढो नाणी / पासावच्विज्जो अह गंगेओ आगओ तत्थ // 2 // तस्सासंका जाया एसो किमु अत्थि इंदजालु त्ति। पसिणाई महत्थाई पडिपुच्छइ हेउणा तेणं // 3 // पुच्छाउत्तरसयलं नायव्वं पंचमंगनवमसया। इह उण संखेवत्थो भणामि निच्चं ससरणट्ठा // 4 // एगम्मि य नरगम्मि भंगा सग हुंति जइ असंखेज्जा। इगवीसा दुगनिरए पणतीसा तिन्नि नरगम्मि // 5 // चउसु वि पणतीसाओ पंचसु इगवीस भंगसंखाओ। . छगनरगे सग भंगा सत्तसु पुढवीसु एगो य . // 6 // जे एगम्मि उ नरए सग भंगा छागुणा बियालीसं। दुगनिरयाओ दुभागे हवंति हरिया हु इगवीसा // 7 // एगूणा उण किज्जइ निरयपमाणेण दिज्जई भागो। इगवीसा पणगुणिया जायइ पंचुत्तरसंयं च // 8 // ते य तिभागे हरिया हुँति पणतीस तिन्नि नरगम्मि / चत्तसयं चउभागे हरिया पणतीस भंगाओ // 9 // तिगुणा पंचुत्तरसय भंगा इगवीसं पंचभागम्मि / बायालीसं दुगुणा छगभागे सत्त भंगा य // 10 // अह उण विगप्पमाणं एगविगप्पो य दुन्नि जीवाणं / तिगजीवाण दुजोगा दुन्नि तिग जोग एगेव // 11 // xu