________________ // 48 // // 49 // // 50 // // 51 // // 52 // // 53 // तिरियं चउरिच्चाई रुयगाओ जाव सिद्धिखेत्तं तु। एवं च बंभलोए पण रज्जू हुंति वित्थरओ ईसाणम्मि दिवड्डा अड्डाइज्जा य रज्जु माहिदे / पंचेव सहस्सारे.छ अच्चुए सत्त लोगंते एसो य अहोलोगाइभेयओ भासिओ तिहा समए / अहलोगो सत्तविहो रयणपहापुढविमाईओ दुगुणादुगुणपवित्थर दीवुदहि असंखया तिरियलोए / कप्पा गेविज्जाणुत्तराणि सिवमुड्डलोगो त्ति एगिदिय पंचिंदिय उड्डे य अहे य तिरियलोए य / विगलिंदियजीवा पुण नायव्वा तिरियलोगम्मि सव्वे जीवनिकाया हवंति निस्संसयं तिरियलोए। बायरतेउविरहिया अहलोए उड्डलोए य जायंति अहोलोए भवणवई नारया तिरिक्खा य। वंतर-तिरिच्छ-माणुस-जोइसिया तिरियलोगम्मि वेमाणिया य तिरिया य उड्लोगे लहंति उप्पत्तिं / तत्थेव य विजंते इंदिय-जाई-भवाईया धम्माधम्म-नभो-पोग्गला उ सव्वत्थ संति लोगम्मि। कालो नरखेत्ते च्चिय दिणयरकिरियाभिवंगु त्ति जो वत्तणासरूवो माणुसखेत्ता बहिं पि किल कालो। सो तग्गयवत्थूणं पज्जाओ न उ पुढो दव्वं उद्दिस्स दिसं खेत्तं पुव्वक्खेत्ताइयं समक्खायं / दव्वं आसज्ज पुणो सालिक्खेत्ताइयं बहुहा सामिणमवेक्ख खेत्तं संलत्तं देवदत्तखेत्ताई। . अहवा खेत्तं दुविहं आरियखेत्तं च इयरं च 237 // 54 // // 55 // // 56 // // 57 // // 58 // // 59 //