________________ // 51 // // 52 // // 53 // // 54 // // 55 // // 56 // ओसप्पिणिउस्सप्पिणिवइरित्ते जम्मणेण संतीए / हुज्ज चउत्थे काले, पुलायसमणो तहन्ने वि बउसकुसीला ओसप्पिणीइ सँतीए जम्मणेणं च / तिचउत्थपंचमीसुं, समासु उस्सप्पिणीइ पुणो बियतिय चउत्थियासुं जम्मणओ संतओ तितुरियासु / निग्गंथ सिणायाणं जम्मणसंती जह पुलाए संहरणेणं सव्वे वि हुंति सव्वेसु चेव कालेसु / मुत्तुं पुलायसमणं एवं कालु त्ति विवक्खायं अंतिमदुयवज्जाणं उववाओ जहन्नओ उ सोहम्मे / उक्कोसेणं सो पुण, होइ पुलायस्स सहसारे बउसपडिसेवयाणं तु अच्चुएऽणुत्तरेसु सकसाए / अजहन्नाणुक्कोसेणणुत्तरेसुं नियंठस्स। सिद्धीइ व्हायगस्स उ, एए अविराहगा पुण हविज्जा। . इंदा-सामाणिय-तायतीसगा-लोगपाली वा . पलियपुहुत्तं थोवं, देवट्ठिइ अंतदुयविवज्जाणं। उक्कोसा सव्वेसि, जा जम्मि उ होइ सुरलोए पत्तेअमसंखिज्जा, संजमठाणा हवंति हु चउण्हं / निग्गंथसिणायाणं इक्कं चिय संजमट्ठाणं निग्गंथसिणायाणं, तुल्लं इक्वं च संजमट्ठाणं। .. पत्तेयमसंखगुणा, पुलायबउसाण ते हुंति : पडिसेवणाकसाइणं तहेव तत्तो असंख गुणिया य। छण्हं पि य पत्तेयं, चारित्तियपज्जवाणंता सट्ठाण सन्निगासे पुलाओ पुलयस्स पज्जवेहिं समो। हीणाहिओ छट्ठाणा, पढाणकसाइणो एवं 210 // 57 // // 58 // // 59 // // 60 // / / 61 // // 62 //