________________ पुव्वावरासु भवणा थोवा बहुया उ उत्तराइ तओ। दाहिणओ बहुतरया भवणवई तो जहुत्त त्ति // 27 // आवलियठिया तुल्ला सव्वदिसासुं सुहम्मसुरभवणा। . पुप्फावकिन्नगा पुण बहुतरया दाहिणुत्तरओ // 28 // तेण जहुत्ता देवा सोहंमा जं पुणित्थ दाहिणओ। अहिगयरत्ती तं पुण दाहिणगामि त्ति किण्हजिया // 29 // पुव्वावरासु थोवा जोइसिया दाहिणे विसेसहिया। .. तत्तो विसेसहिया उत्तरओ हुंति-जोइसिया // 30 // जोइसिया दाहिणओ बहुतरगा किण्हपक्खिउप्पाया। माणससरम्मि कीडत्थमागया उत्तरि त्ति बहू // 31 // उप्पाया उ तदुब्भवविहियनियाणाण मच्छजीवाण / पुव्वावरासु ते पुण अइथेवा पारिसेसा उ ... // 32 // सोहमे इव तदुवरि तिगम्मि बंभे व जा सहस्सारो। तेण परं जे देवा बहुसम उववनया ते उ उप्पज्जंति नरा एव जेण तेसुं ति तो जहुत्ता ते। उक्कमभणणं पुढवाइयाणमिह लाघवत्थि त्ति नर 1 नेरइया 2 देवा 3 सिद्धा 4 तिरिया 5 जहुत्तरं नेया। थोवा 1 दुन्नि 3 असंखा अणंतगुणिया 4 अणंतगुणा 5 // 35 // नारी 1 नर 2 नेरइया 3 तेरिक्खी 4 सुर 5 सुरी 6 सिवा 7 तिरिया 8 थोवा 1 चउर 5 असंखा संखगुणा 6 दो 8 अणंतगुणा // 36 // नारीण असंखगुणा मणुया जं वन्निया तदित्थमहो। संमुच्छिमगहणाओ न विवक्खा संढवेयम्मि // 37 // पण 1 चउ 2 ति 3 दु 4 अक्खाणिदिया 5 . य एगिदिया 6 य सिंदिया 7 / // 34 // 186