________________ दुपढमदिवदेवि 30-31 सुरा 32-33, कीवि त्थी नर 4 गिहन्ननिअलिगे 5 / तित्थयरि तित्थपत्ते, समणी मुणिकमिणसंखगुणा // 42 // तित्थयरि तित्थपत्ते, समणी मुणिणंतसंखसंखगुणा 6 / परिहार चउग पणगे, छेय ति चउ सेसचरणम्मि // 43 // संख असंख दु संखा 7 सं पत्ते बुद्धि बुद्ध संखगुणा 8 / मणजुअ थोवा मइसुअ, संख चउ असंख तिग संखा 9 // 44 // अडसमयसिद्ध थोवा, संखिज्जगुणा उ सत्तसमयाई 13 / / अचुअ चुअ तीसु थोवा, असंख संखा असंखा य 11 // 45 // एगो जा जवमझं, संखगुण परा उ संखगुणहीणा / छम्मासंता 12 लहु गुरु मज्झ तणू थोव दुअसंखा 10 // 46 // अट्ठसयसिद्ध थोवा, सत्तहिअ अणंतगुणिअ जा पन्ना / जा पणवीसमसंखा, एगंता जाव संखगुणा 14 . // 47 / / उम्मंथिअ उद्धट्ठिअ, उक्कडि वीरासणे निउंजे अ। पासिल्लग उत्ताणग, सिद्धा उ कमेण संखगुणा 15 // 48 // पणवीस पन्न अडसय, पण दस वीसा य ति पण दसगं च / / संख असंख अणंत य, गुणहाणि चउ?आइंता // 49 // इग दुग इग दुग चउ बहुणंत, बहु असंखणंतगुणहीणा / , इय सिद्धाण सरूवं, लिहिअं देविंदसूरीहिं * // 50 // 334