________________ संक्रमकरण बझंतियासु इयरा ताओ वि य संकमंति अन्नोऽन्नं / . .. जा संतयाए चिट्ठहि बंधाभावे वि दिट्ठीओ .. // 505 // संकमइ जासु दलियं ताओ उ पडिग्गहा समक्खाया। जा संकमआवलियं करणासज्झं भवे दलियं // 506 // नियनिय दिढेि न केइ दुइय तइज्जा न दंसणतिगं पि / मीसम्मि न सम्मत्तं दसकसाया न अन्नोन्नं // 507 // संकामंति न आउं उवसंतं तहय मूलपगइओ। . पगइट्टाणविभेया संकमणपडिग्गहा दुविहा // 508 // खयउवसमदिट्ठीणं सेढीए न चरिमलोभसंकमणं / / खवियट्ठगस्स इयरांए जं कमा होइ पंचण्हं // 509 / मिच्छे खविए मीसस्स नत्थि उभए वि नत्थि सम्मस्स / उव्वलिएसुं दोसुं पडिगहया नत्थि मिच्छस्स // 510 / दुसु तिसु आवलियासुं समयविहीणासु आइमठिईए / सेसासु पुंसंजलणयाणं न भवे पडिग्गहया // 511 / धुवसंतीणं चउहेह संकमो मिच्छणीयवेयणीए / साईअधुवो बंधो व्व होइ तह अधुवसंतीणं // 512 / साअणजसदुविहकसायसेसदोदंसणाण जइपुव्वा / संकामगंत कमसो संमुच्चाणं पढमदुइया // 513 / चउहा पडिग्गहत्तं धुवबंधीणं विहाय मिच्छत्तं / . मिच्छाऽधुवबंधीणं साई अधुवा पडिग्गहया . // 514 संतट्ठाणसमाई संकमठाणाई दोण्णि बीयस्स / बंधसमा पडिगहया अट्ठहिया दो वि मोहस्स . // 515