________________ // 482 // // 483 // // 484 // // 485 // 486 // // 487 // पडिवक्खजहन्नयरो तिरिदुगनीयाण सत्तममहीएं / सम्मत्ताईउ तओ अणुकड्डी उभयवग्गेसु अट्ठारस कोडीओ परघायकमेण तसचउक्के वि / कंडं निवत्तणकंडगं च पल्लस्सऽसंखंसो जा निव्वत्तणकंडं जहण्णठितिपढमठाणगेहितो। : गच्छंति उवरिहुत्तं अणंतगुणणाइ सेढीए तत्तो पढमठितीए .उक्कोसं ठाणगं अणंतगुणं / तत्तो कंडग उवरि आउक्कस्सं नए एवं उक्कोसाणं कंडं अणन्तगुणणाए तन्नए पच्छा / उवघायमाइयाणं इयराणुक्कोसगाहितो अस्सायजहण्णठिइठाणेहिं तुल्लयाई सव्वाणं / आपडिवक्खक्तगठिईण ठाणाई हीणाई तत्तो अणंतगुणणाए जंति कंडस्स संखिया भागा। तत्तो अणंतगुणियं जहण्णठिति उक्कसं ठाणं एवं उक्कस्साणं अणंतगुणणाए कंडगं वयइ / एक्कं जहण्णठाणं जाइ परकंतठाणाणं उवरि उवघायसमं सायस्स वि नवरि उक्कसठिईओ। अंतेसुवधायसमं मज्झे नीयस्स सायसमं संजयबायरसुहुमग पज्जअपज्जाण हीणमुक्कोसो / एवं विगलाऽसन्निसु संजयउक्कोसगो बन्धो देसदुगविरय चउरो सण्णीपंचेन्दियस्स चउरो य / संखेज्जगुणा कमसो संजयउक्कोसगाहितो थोवा जहन्नबाहा उक्कोसाबाहठाणकंडाणि / उक्कोसिया अबाहा नाणापएसन्तरा तत्तो . . // 488 // // 489 // // 490 // // 491 // // 492 // // 493 // 184