________________ // 233 / / // 234 // // 235 // // 236 // // 237 // // 238 // मूलुत्तरपगईणं, जहन्नओ पगइबन्ध उवसंते / तब्मट्ठा अजहन्नो, उक्कोसो सन्निमिच्छम्मि आउस्स साइअधुवो, बन्धो तइयस्स साइअवसेसो / सेसाण साइयाइ, भव्वाभव्वेसु अधुवधुवो साई अधुवो सव्वाण, होइ धुवबन्धियाण णाइधुवो / निययअबन्धचुयाणं साइ अणाई अपत्ताणं नरयतिगं देवतिगं, इगिविगलाणं विउवि नो बन्धे / मणुयतिगुच्वं च गईतसम्मि तिरि तित्थआहारं वेउव्वाहारदुर्ग, नारयसुरसुहुमविगलजाइतिगं / बन्धहि न सुरा सायवथावरएगिदि नेरइया मोहे सयरी कोडाकोडीओ वीस नामगोयाणं / तीसियराण चउण्हं, तेत्तीसयराइं आउस्स मोत्तुमकसाइ तणुयी, ठिइ वेयणियस्स बारस मुहुत्ता / अट्ठट्ठ नामगोयाण, सेसयाणं मुहत्तंतो सुक्किलसुरभीमहुराण दस उ तह सुभचउण्ह फासाणं / अड्डाइज्जपवुड्डी, अंबिलहालिद्दपुव्वाणं तीसं कोडाकोडी, असायआवरणअंतरायाणं / मिच्छे सयरी इत्थीमणुदुगसायाण पन्नरस संघयणे संठाणे, पढमे दस उवरिमेसु दुगवुड्डी। सुहुमतिवामणविगले वारस चत्ता कसायाणं . पुंहासरईउच्चे, सुभखगतिथिराइछक्कदेवदुगे / दस सेसाणं वीसा, एवइयाबाहवाससया सुरनारयाउयाणं, अयरा तेत्तीस तिन्नि पलियाई / इयराणं चउसु वि पुव्वकोडितंसो अबाहाओ . 173 // 239 // // 240 // // 241 // // 242 // // 243 // // 244 //