________________ तेरस वि बंधगा ते अट्ठविहं बंधियव्वयं कम्मं / मूलुत्तरभेयं ते (तस्स) साहिमो ते निसामेह . // 118 // // 3 // बंधव्य द्वार नाणस्स दसणस्स य आवरणं वेयणीय मोहणीयं / आउ य नामं गोयं तहंतरायं च पयडीओ / / 119 // पंच नव दोन्नि अट्ठावीसा चउरो तहेव बायाला / दोन्नि य पंच य भणिया, पयडीओ उत्तरा चेव // 120 // मइसुयओहीमणकेवलाण आवरणयं भवे पढमं / तह दाणलाभभोगोवभोगविरियंतराययं चरिमं // 121 // (गीतिः) नयणेयरोहिकेवल दंसणआवरणयं भवे चउहा / निद्दापयलाहिं छहा निदाइदुरुत्तथीणद्धी // 122 // सोलस कसाय नव नोकसाय दंसणतिगं च मोहणीयं / सुरनरतिरिनिरयाऊ सायासायं च नीउच्चं / // 123 // गइजाइसरीरंगं, बंधणसंघायणं च संघयणं / . संठाणवन्नरसगंधफासअणुपुव्विविहगगई // 124 // अगुरुयलहु उवघायं, परंघाउस्सास आयवुज्जोयं / निम्माण तित्थनामं, चोद्दस अड पिंडपत्तेया // 125 // तस बायर पज्जत्तं, पत्तेय थिरं सुभं च नायव्वं / सुस्सर सुभगाइज्जं, जसकित्ती सेयरा वीसं // 126 // गइयाइयाणं भेया, चउ पण पण ति पण पंच छ छक्कं / पण दुग पण? चउ दुग, पिंडुत्तरभेय पणसट्ठी // 127 // ससरीरंतरभूया, बंधणसंघायणा उ बंधुदए / वण्णाइविगप्पा वि हु, बंधे नो सम्ममीसाई // 128 // 153