________________ अपसत्थ पज्जभंगो एगो नरएसु अट्ठ वि सुरेसु / नव तिरिनरेसु जवडिल्ल भंग सेसो उ विगलकमो // 100 // विगल इगवीस अणुपुत्विविरहिए खिवसु हुंडसेवढे / . . . उरलदुर्ग उवघायं पत्तेयं चेव छव्वीसा // 101 // तं भंगतियं सा वि हु दुखगइपरिघायखिवणि अंडवीसा / भंगा य दुन्नि इत्थं अपज्जभंगो जओ नत्थि // .102 // ऊसासुज्जोयाणेगयरे. गुणतीस भंग चत्तारि। सास गुणतीस तीसा सरदुग उज्जोय एगयरे // 103 // छय भंगा सरतीसा इगतीसुज्जोयएण भंग चऊ। . . बेइंदिय बावीसा छवट्ठी सव्वविगलाणं // 104 // सगलाणं छव्वीसा, नवरं तु रासिजा 288 (लहइ) भंगा / अप्प(प)ज्जभंग अपसत्थ 1 जुत्त अडवीस पुण एवं // 105 // खगईदुगएगयरे परघाए खित्ति रासिजा दुगुणा / रासिजभंगचउगुण गुणतीसे सासिजोएवा // 106 // ऊसासेगुणतीसे सरदुगउज्जोयएगयरखेवे। . छगुणा रासिजभंगा तीसाए पुणो वि सरतीसा // 107 // उज्जोएणिगतीसा चउग्गुणा रासिजा उ उदयंसा / छलहियगुणवनसया भंगा पंचिंदितिरियाणं // 108 // उज्जोयरहिय तिरिविहि सामननराण अवि सव्वो वि। दुगहियछवीससया भंगाणं ताण तो हुति // 109 // वेउव्विय पणुवीसा वेउव्विदुगं समंतचउरंसं / पत्तेयं उवघायं सिगवीसणुपुव्विरहिया य . // 110 // अडभंग सत्तवीस वि सुखगइ परघायसंजुय तहेव / . सासुज्जो एगयरे अडवीस दु अट्ठ जवडिल्ला // 111 // 104