________________ // 13 // इंदियकसायगारवनिम्महणो छिनबंधणो धणियं / पंचमहव्वयजुत्तो नाणाइजुओ मुणी पत्तं . // 12 // महिसीए तणं दिन्नं पत्तविसेसेण हवइ खीरफलं / सप्पस्स पुणो दिन्नं खीरं पि विसत्तणमुवेइ जह लहुदारुविरइओ पोओ तारेइ गरुयभंडं पि / तह कम्मलहुयपत्तं सयं तरे तारये अन्नं // 14 // जं तवसंजमहीणं नियमविहूणं च बंभपरिहीणं / तं सेलसममपत्तं बुड्तं बोलए अनं // 15 // पत्तापत्तविसेसं नाऊणं जो न देइ इह दाणं / सीहंधलोयणुग्घाडउ व्व सो आवई लहइ // 16 // जइ पत्तम्मि निहत्ते पत्तफलं होई राय ! दाणम्मि / ता नूणमपत्तफलं हवइ अपत्तस्स दिनम्मि // 17 // जो सिंचिऊण विसपायवं ति पत्थेइ तत्थ अमियरसं / / जइ पाविज्ज तओ तं ता सुक्खफलं अपत्ते वि // 18 // काले सुपत्तदाणं सम्मत्तविसोहि बोहिलाभं च / अंते समाहिमरणं अभव्वजीवा न पाविति // 19 // एस विहीं मुक्खत्थे दाणे नरनाह ! नत्थि तत्थऽन्नो / अणुकंपादाणं पुण दिज्जइ य किलिस्समाणेसु // 20 // पव्वज्जा गहिऊणं गोमहिसिखरुट्टहालिया खित्ता / धारिति मूढमणसा महिला तह पुत्तभंडाइं . // 21 // ते हुंति तिरियअहमा जे ताण वि दाणभोयणुज्जुत्ता / वियसूयरा सियाला कागा इह जंति उभए वि // 22 // सप्पो पत्तं दाणं च दद्दूरा मारिऊण जो देइ / जइ तस्स हुज्ज पुन्नं कुलिंगदाणे वि तो अत्थि // 23 // = 334