________________ // 9 // // 10 // // 11 // // 12 // // 13 // // 14 // अट्ठमीचउद्दसीसुं, सव्वाणि वि चेइयाई वंदिज्जा / सव्वे वि तहा मुणिणो, सेसदिणे चेइअं इक्कं .पइदिणं तिन्नि वारा, जिढे साहू नमामि निअमेणं / वेयावच्चं किंची, गिलाण वुड्ढाइणं कुव्वे अह चारित्तायारे, निअमग्गहणं करेमि भावेणं / बहिभूगमणाईसुं, वज्जे वत्ताई इरियत्थं अपमज्जियगमणम्मि असंडासपमज्जिउं च उवविसणे / पाउंछणयं च विणा, उवविसणे पंचनमुक्कारा उग्घाडेण मुहेणं, नो भासे अहव जत्तिया वारा / भासे तत्तिअमित्ता, लोगस्स करेमि उस्सग्गं असणे तह पडिक्कमणे, वयणं वज्जे विसेसकज्ज विणा / सक्कियमुवहिं च तहा, पडिलेहंतो न बेमि सया अन्नजले लब्भंते, विहरे नो धावणं सकज्जेणं / . अगलिअजलं न विहरे, जरवाणीयं विसेसेणं. सक्कियमुवहिमाइ, पमज्जिङ निक्खिवेमि गिण्हेमि / जइ न पमज्जेमि तओ, तत्थेव कहेमि नमुक्कारं जत्थ व तत्थ व उज्झणि, दंडगउवहीण अंबिलं कुव्वे / सयमेगं सज्झायं, उस्सग्गे वी गुणेमि अहं. मत्तगपरिटुवणम्मि अ, जीवविणासे करेमि निव्वियं / अविहीइ विहरिऊणं, परिठवणे अंबिलं कुव्वे अणुजाणह जस्सुग्गह, कहेमि उच्चारमत्तगठाणे / तह सन्नांडगलगजोग, कप्पतिपाइ वोसिरे तिगं रागमये मणवयणे, इक्किकं मिब्वियं करेमि अहं / कायकुचिट्ठाए पुणो, उववासं अंबिलं वा वि (81 // 15 // // 16 // // 17 // // 18 // // 19 // // 20 //