________________ // 23 // एक्कोत्थ समत्थपरमत्थवत्थुवित्थारफुरिअमाहप्पो / पमुहावसामसुंदरपरिणामो नवरि जिणधम्मो तेण अलद्धं लद्धं लद्धं परिपालिउं इमं तुब्भे / परिपालिय परमं वुड्डेि नेउं पयत्तिज्जा धण्णा भवदुक्खाणं तिक्खाणमसंखलक्खसंखाणं / एअं विरेअणोसहमुवएस के वि पावंति // 24 // // 25 // // 1 // // 3 // // उवएसचउक्ककुलयं-२ // भो भो भव्वा ! सवणंजलीहि दुहदाहपसमणसमत्थं / उवएसामयमेयं पिबह खणं मोक्खसोक्खकए गंभीरनीरनीरहिनिहित्तमुत्ताहलं व मणुयत्तं / / लद्धं सधम्मकम्मायरेण सहलं विहेयव्वं // 2 // तस्स य सुधम्मकप्पद्रुमस्स सुरणरसमिद्धिकुसुमस्स / निव्वुइसुहविउलफलोहसालिणो मूलममियाई सिद्धंतसुई 1 सुमुणीण संगमो 2 मच्चुणो सया चिंता 3 / तह दुक्कडसुकडाणं कडाण फलचिंतणं चित्तं 4 // 4 // समयसुइसलिलसित्ता कसायदवदूमियां वि भव्वदुमा / जायंति बहलवेरग्गपल्लवुल्लासिणो झत्ति मोहविसोवसमखमं जमोसहं विसमकम्मरोगाणं / 'तस्स सपुण्णा समयामयस्स रसपाइणो होति // 6 // निम्मलनाणपहाणा जलनिहिणो चरणकरणरयणाणं / कप्पदुमव्व सययं सुसाहुणो सेवणिज्ज त्ति निच्चं च खलियसीलेहिं संथवं सव्वहा विवज्जेज्जा। जं जीवो संसग्गेण तम्मओ होइ अचिरेणं // 8 // . 25 // 7 //