________________ सो देसो तं नगरं, तं (सो) गामो सो अ आसमो धन्नो / जत्थ पहू ? तुम्ह पाया, विहरंति सया वि सुपसन्ना // 3 // हत्था ते सुकयत्था, जे किंईकम्मं कुणंति तुह चलणे / वाणी बहुगुणखाणी, सुगुरुगुणा वनिआ जीए // 4 // अवयरिया सुरधेणू, संजाया महगिहे कणयवुट्ठी। दारिदं अज्ज गयं, दिढे तुह सुगुरु ! मुहकमले // 5 // चिंतामणिसारिच्छं, समत्तं पावियं मए अज्ज / संसारो दूरीकओ, दिढे तुह सुगुरु ! मुहकमले जा रिद्धी अमरगणा, भुंजंता पियतमाइसंजुत्ता / . . सा पुण कित्तियमित्ता, दिढे तुह सुगुरु ! मुहकमले // 7 // मणवयकायेहिं मए, जं पावं अज्जियं सया (भयवं)। तं सयं अज्ज गयं, दिढे तुह सुगुरु ! मुहकमले // 8 // दुल्लहो जिणिदधम्मो, दुल्लहो जीवाण माणुसो जम्मो / लद्धे वि मणुअजम्मे, अइदुल्लहा सुगुरुसामग्गी // 9 // जत्थ न दीसंति गुरू, पच्चुसे उट्ठिएहिं सुपसन्ना / तत्थ कहं जाणिज्जइ, जिणवयणं अमिअसारिच्छं // 10 // जह पाउसम्मि मोरा,दिणयरउदयम्मि कमलवणसंडा / विहसंति तेम तच्चिय, तह अम्हे दंसणे तुम्ह // 11 // जइ सरइ सुरहिं वच्छो, वसंतमासं च कोइला सरइ / विझं सरइ गइंदो, तह अम्ह मणं तुमं सरइ // 12 // बहुया बहुया दिवसडा, जइ मई सुहगुरु दीठ। . लोचन बे विकसी रह्यां, हीअडई अमिय पइठ // 13 // अहो ते निज्जिओ कोहो अहो माणो पराजिओ। . अहो ते निरकिया माया, अहो लोहो वसीकओ . // 14 //