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________________ सीलव्वयाइं जो बहु-फलाइं हंतूण सुक्खमभिलसइ / धिइदुब्बलो तवस्सी कोडीए कागिणीं कुणइ // 1258 / / निव 1 सिट्ठि 2 इत्थि 3 पुरिसे 4 परपवियारे य 5 सपवियारे य 6 / अप्परय 7 सुर 8 दरिद्दे 9 हुज्जा नव नियाणाइं // 1259 // सुबुई पि तवं चिन्नं सुदीहमवि पालियं च सामण्णं / तो काऊण नियाणं मुहाइं हारिति अत्ताणं / // 1260 // उड्ढुंगामी रामा केसवसव्वे वि जं अहोगामी / तत्थ वि नियाणकारणमओ य मइमं इमं वज्जे // 1261 // काले विणए बहुमाणुवहाणे तहा अनिन्हवणे / वंजणअत्थतदुभए अट्ठविहो नाणमायारो // 1262 // निस्संकिय निक्कंखिय निव्वितिगिच्छा अमूढदिट्ठी य / उववूहथिरीकरणे वच्छल्लप्पभावणे अट्ठः // 1263 // पणिहाणजोगजुत्तो पंचहि समिईहिं तिहिं गुत्तीहि / चरणायारा तिन्हि वि विवरीयाए अईयारा // 1264 // अणसणमूणोयरिया वित्तीसंखेवणं रसच्चाओ। कायकिलेसो संलीणया य बज्झो तवो होइ // 1265 // पायच्छित्तं विणओ वेयावच्चं तहेव सज्झाओ। झाणं उस्सग्गो वि य अभिंतरओ तवो होइ // 1266 // सम्ममकरणे बारस तवाइयारा तिगं तु वीरियस्स / मणवयकाया पावपवत्ता वीरियत्तिगइयारा // 1267 // सम्मत्ते विजयनिवोऽहिंसाए हरिबलो मुसे कमलो / / वरदत्तोऽदिन्नम्मि बंभवए सीलवइ इत्थी // 1268 // धणसेट्ठी परिग्गहम्मी दिसिपरिमाणम्मि होइ महाणंदो / मंतिसुया उवभोगे मित्ततयं रयणिभोयणए / // 1269 / / 250
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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