________________ जं जं पच्चक्खाणं देसे सव्वे य जे पकुव्वंति / भंगगुणेहिं समेहि ते सड्ढा णाणगुणजुत्ता // 1007 // तप्पण्णाइविहूणो अइयाराई वि जे न सम्माइं / ते अन्नाणपराणा केवलमुज्जुत्तया जुत्ता // 1008 // सारं मण्णइ सव्वं पच्चक्खाणं खु भवदुहपमदं / सुभसंसासंजणिया बाला रुइमत्तसम्मत्ता // 1009 // जं जं भणियं समए तं तं वि तह गुरुविणिद्दिटुं / इइ मुणिऊण समग्गं कुव्वंति हु भद्दिया ते य // 1010 // देसे सड्ढो बारस-वयजुत्तो गिहिपसत्तवावारो / सव्वे पडिमाभिग्गहनिरओ णिझ्यपावरओ // 1011 // जिणपूआ गुरुसेवा सज्झायझाणसंजमो दाणं / . एयारिसनाणाविहा-भिग्गहा हुंति सड्ढाणं // 1012 // उक्किट्ठमज्झिमजहन्नभेएहि ते वियाणिज्जा / . उक्किट्ठो पडिमठिओ मज्झिमओ बारसवओ य // 1013 // एगाइवयजहण्णो सकम्मनिरओ जहुत्तविहिकलिओ। भत्तट्ठा इय नियम-ज्जुत्तो संपत्तसम्मत्तो // 1014 // दव्वाइचउक्केहि जाणगमाईहि सव्वभेएहिं / जहभावं पडिवज्जिय पच्चक्खाणाइकज्जो य // 1015 // सव्वीवहाणनिरओ विहिपडिपुण्णो य सलवकंज्जेसु / जिणंधम्म परमट्ठ सेसमणटुं मुणेइ सया // 1016 // अरिहंताइपयदससु भत्तिपुव्वं खु संसणिरविक्खं / .. पच्चक्खाणं जं किंचि होइ णियपरमुभयगाणं // 1017 // कुलगणसंघपयटुं सागारं जङ् हविज्ज तो कुज्जा / निरगारपच्चक्खाणे वि अरिहंताईणमुज्झित्था // 1018 // . 220