________________ परिहारविसुद्धितइयं दुविहं निव्विस्समाणयं पढमं / बीयं निविट्ठकाईय-मिह नवमुणिगच्छसेविययं // 764 // परिहरइ जो विसुद्धं पंचजामं अणुत्तरं धम्मं / / तिविहेण फासयंतो परिहारियसंजओ स खलु // 765 // संकिट्ठमाण 1 सुविसुज्झमाणयं 2 दुविहसंपरायं च / सेणिगयस्स 3 मुणिणो हुज्जा हु कसायजुत्तस्स // 766 / / लोभाणुं वेयंतो जो खलु उवसामओ य खवओ वा / / सो सुहमसंपराओ अहक्खाओ णओ किंचि // 767 // तह अहखायचरित्तं छाउम्मत्थियकेवलित्ते य.। / चढणपडणस्स भयणा पढमे बीए वि नो पडणं // 768 // उवसंते 1 खीणम्मि वि जो खलु कम्मम्मि मोहणिज्जम्मि / छउम्मत्थो य जिणो वा अहक्खायसंजओ स खलु // 769 / / पन्नवण 1 वेय 2 रागे 3 कप्प 4 चरित्त 5 पडिसेवणा 6 नाणे 7 / तित्थे-लिंग९ सरीरे 10 खित्त ११काल १२गइठिइ१४संजम 15 निकासे१६॥७७०॥ जोगु १७वओग 18 कसाए 19 लेसा 20 परिणाम 21 बंधणे 22 वेए 23 / कम्मोदीरण 24 उवसं-पजहण 25 सण्णाय २६आहारे 27 // 771 / / भव 28 आगरिसे 29 कालं३०-तरेय 31 समुघाय 32 खित्तफुसंणाय 33 / भावे३४ परिणामं 35 खलुअप्पाबहुयं३६ नियंठाणं // 772 / / (पंचनिर्ग्रन्थसंयमानांद्वारगाथा:) सव्वे वि य अइयारा संजलणाणं तु उदयओ हुंति / मूलुच्छिज्जं उदये पुण बारसण्हं कसायाणं // 773 // सोलस उग्गमदोसा 16 सोलस उप्पायणाइ जे दोसा 16 / . दस एसणाइ दोसा 10 गासेसण 5 मिलिय सगयाला 47 // 774 / / आहाकम्मुद्देसियपूइयकम्मे य मीसजाए य / ... ठवणा पाहुडियाए पाउयरकीयपामिच्चे // 775 // 208