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________________ सो संघो न पमाणं उम्मग्गपरूवयं च बहुलोयं / / दळूण भणंति संघं संघसरूवं अयाणंता . // 453 // सुहसीलाओ सच्छं-दचारिणो वेरिणो सिपहस्स / आणाभट्ठाओ बहु-जणाओ मा भणह संघु त्ति // 454 / / देवाइदव्वभक्खण-तप्परा तह उमग्गपक्खकरा / .. साहुजणाण पओस-कारिणं भा भणह संघं // 455 // अहम्मअनीईअणायार-सेविणो धम्मनीइपडिकूला / साहूपभिइचउरो वि बहुया अवि मा भणह संघ // 456 // अम्मापियसारिच्छो सिवघरथंभो य होइ जिणसंघो। .. जिणवरआणाबज्जो सप्पुव्व भयंकरो संघो // 457 // अस्संघं संघं जे भणंति रागेण अहव दोसेण / छेओ वामूहत्तं पच्छित्तं जायए तेसिं / // 458 // काऊण संघसदं अव्ववहारं कुणंति जे केइ / पप्फोडिअसउणि-अंडगं व ते हंति निस्सारा // 459 // तेसिं बहुमाणं पुण भत्तीए दिति असणवसणाइ / धम्मो त्ति नाऊणं गाथाएतित्तिधरवाणं // 460 // संघसमागममिलिया जे समणा गारवेहिं कज्जाई।। साहिज्जेण करंता सो संघाओ न सो संघो // 461 // जे साहज्जे वट्टइ आणाभंगे पवट्टमाणाणं / मणवायाकाएहिं समाणदोसं तयं बिंति // 462 // आणाभंगं दटुं मज्झत्थाणुठवंति जे तुसिणा / अविहिअणुमायणाए तेसि पि य होइ वयलोवो // 463 // तेसि पि य सामण्णं भटुं भट्ठव्वया य ते हंति / * जे समणा कज्जाइ वित्तरक्खाइ कुव्वंति // 464 // 182
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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