________________ ततिओसहकप्पो यं जम्हा एगंततो उ अविरुद्धो। सययं पि कज्जमाणो आणाओ चेव एतेसि // 797 // वाहिमवणइ भावे कुणइ अभावे तयं तु पढमं ति / बितियमवणेति न कुणति तइयं तु रसायणं होति // 798 // एवं एसो कप्पो दोसाभावे वि कज्जमाणो उ। सुंदरभावाओ खलु चारित्तरसायणं णेओ // 799 // . आचेलकुद्देसियसिज्जायस्रायपिंडकिइकम्मे / वयजेट्टपडिक्कमणे मासंपज्जोसवणकप्पो , // 800 // . छसु अट्ठिओ उ कप्पो एत्तो मज्झिमजिणाण विण्णेओ। ... णो सययसेवणिज्जो अणिच्चमेरासरूवो त्ति // 801 // आचेलक्कुद्देसियपडिक्कमणरायपिंडमांसेसु / पज्जुसणाकप्पम्मि य अट्ठियकप्पो मुणेयध्वो // 802 // सेसेसु ट्ठियकप्पो मज्झिमगाणं पि होइ विण्णेओ / चउसु ठिता छसु अठिता एत्तो च्चिय भणियमेयं तु // 803 // सिज्जायरपिंडम्मि य चाउज्जामे य पुरिसजेटे यः। कितिकम्मस्स य करणे ठियकप्पो मज्झिमाणं पि // 804 // दुविहा एत्थ अचेला संतासंतेसु होइ विण्णेया / तित्थगरऽसंतऽचेला संता सेसा भवेऽचेला (ऽचेला भवे सेसा) / / 805 / / आचेलक्को धम्मो पुरिमस्स य पच्छिमस्स य जिणस्स / मज्झिमगाण जिणाणं होइ सचेलो अचेलो य // 806 // अमहद्धण भिन्नेहि य आचेलक्कमिह होइ वत्थेहिं / . लोगागमणीतीए अचेलगत्तं तु पच्चयतो उद्देसियं तु कम्मं एत्थं उद्दिस्स कीरतेयं (तं) ति। . एत्थ वि इमो विभागो णेओ संघादवेक्खाए // 808 // // 807 // 2