________________ इहरा अण्णयरगमा दिट्टेटविरोहणाणविरहेण / अणभिनिविट्ठस्स सुयं इयरस्स उ मिच्छाणाणं ति // 883 / / लोउत्तरा उ एए एत्थ पयत्थादओ मुणेयव्वा / / अत्थपदणाउ जम्हा एत्थ पयं होइ सिद्धं ति // 884 // लोयम्मि वि अत्थेणं णाएणं एवमेव एए त्ति / विण्णेया बुद्धिमया समत्थफलसाहगा सम्मं // 885 // वक्खाइसद्दओ जं अविसिट्ठा चेव होइ बुद्धि त्ति / उत्तरधम्मावेक्खा जहेव हिंसाइसद्दाओ // 886 // कयमेत्थ पसंगेणं इमिणा विहिणा निओगओ णाणं / / आणाजोगो वि इहं एसो च्चिय होइ णायव्वो // 887 / / नाणी य णिच्छएणं पसाहई इच्छियं इहं कज्जं / बहुपडिबंधजुयं पि हु तहा तहा तयविरोहेण * // 888 / / मग्गे य जोयइ तहा केई भावाणुवत्तण णएणं / बीजाहाणं पायं तदुचियाणं कुणइ एसो // 889 // सुव्वइ निवस्स पत्ती झाणग्गहसंगया विणीय त्ति / / मुच्छिमगकण्णंदुब्बलणिवो य तह पुव्वसूरीहिं // 890 // णिवपत्ती णिविण्णा झाणा मोक्खो त्ति तग्गहसमेया / ससरक्खपउममज्झे तिणयणदेवम्मि ठियचित्ता // 891 // तवखीणसाहुदंसण बहुमाणा सेवणा तहा. पुच्छा / झाणे दडगकहणे बज्झा एए त्ति अणुकंपा // 892 // गीयणिवेयणमागम झाणकहब्भुवगमे तहऽक्खेवो / कोदंकिदूरपवेस धम्मिगाईहिं जा देवो // 893 // निच्चलचित्ता साहण समओ नण्णेसिं आम पडिवण्णे / तदुवरि अद्भुट्ठकला अओऽण्णमब्भासदसणयं // 894 // . 181