________________ तणविज्झवणादीसुं जपतो किं च चोदितो णिउणं / णो माणुसो मणागं संवेगे साहियं सव्वं // 319 // वेयड्डनयण कूडे कुंडलजुयलम्मि भावसंबोही / पव्वज्जा गुरुभत्ती अभिग्गहाराहण सुरेसुं // 320 // मोहक्खलणसमाणो एसो एयस्स एत्थ पडिबंधो / णेओ तओ उ गमणं सम्म चिय मुत्तिमग्गेण // 321 // एवं णाऊण इमं परिसुद्धं धम्मबीयमहिगिच्च / बुद्धिमया कायव्वो जत्तो सति अप्पमत्तेणं // 322 // परिसुद्धाणाजोगा पाएणं आयचित्तजुत्ताणं.। अइरोदं पि हु कम्मं ण फलइ तहभावओ चेव // 323 // वाहिम्मि दीसइ इमं लिंगेहिं अणागयं जयंताणं / परिहारेतरभावा तुल्लनिमित्ताण वि विसेसो // 324 // एगम्मि भोयणे भुंजिऊण जाए मणागमज्जिण्णे / सइ परिहारारोग्गं अउण्णहा वाहिभावो उ . // 325 // ववहारओ णिमित्तं तुल्लं एसो वि एत्थ तत्तंगं / एत्तो पवित्तिओ खलु णिच्छयनयभावजोगाओ // 326 // एवमिहाहिगयम्मि वि परिसुद्धाणा उ कम्मुवक्कमणं / जुज्जइ तब्भावम्मि य भावारोग्गं तहाभिमयं // 327 // एयमिह होइ विरियं एसो खलु एत्थ पुरिसगारो त्ति / / एयं तं दुण्णेयं एसो च्चिय णाणविसओ वि // 328 // आहरणं पुण एत्थं सव्वणयविसारओ महामंती। मारिणिवारणखाओ णामेणं नाणगब्भो त्ति // 329 // वेसाली जियसत्तू राया सचिवो उ णाणगब्भो से / .. णेमित्तागम पुच्छा अत्थक्कत्थाणि किं कस्स ? . // 330 // 144