________________ एसिड, केमिकल्स, वेनिला फ्लेवर ब्रेड, पाव आदि में त्रस जीवों की आता है, जिससे शरीर में केल्शियम उत्पत्ति होने से त्याज्य है। की कमी होने से हड्डियाँ कमजोर हो होटल का खाने से शरीर बीमार होता जाती हैं और घुटने आदि है, बुद्धि विकृत होती है, धर्म बदनाम संधि - स्थानों में दर्द शुरू हो होता है, स्वाद लोलुपता में वृद्धि जाता हैं। होती है, इसलिए संतपुरूष हमेशा शीत पेय से लीवर के रोग, आंत सम्बन्धी कहते हैं कि Hotel अर्थात् हो सके तो केंसर आदि शारीरिक रोग एवं टल वरना Home to Hotel, Hotel to चिड़चिड़ापन, आवेश आदि मानसिक Hospital. होटल में निम्न जाति के रोग हो जाते हैं। इसमें लोगों के द्वारा झूठे बर्तनों में जैन एवं अनछना, गंदा पानी होने से शीत पेय संस्कारी व्यक्ति कदापि भोजन नहीं पदार्थों को जीभ से दूर रखना चाहिये। कर सकते। प्र.541.महाराजश्री! आप हमें होटल जाने प्र.542.ब्रेड आदि क्यों नहीं खाने के लिये मना करते . हैं पर चाहिये? आजकल होटल में जैन भोजन उ. 1. ब्रेड मेंदे से और मेंदा गेहूं से बनता भी मिलता है फिर क्यों नहीं है। फ्लोर मिल में महिनों से स्टोक जाये? किए हुए बिना देखे, बीने एवं कीडों उ. लॉरी, होटल में अनछने पानी एवं से युक्त गेहूं को पीसकर मेंदा अनदेखे पदार्थों से बने विविध व्यंजन बनता है। अभक्ष्य होने के साथ-साथ बासी व 2. मेंदा बनाने की तारीख, पेकिंग जीवयुक्त ही होते हैं। केवल आपको थेली पर नहीं लिखी जाती है। आकर्षित करके पैसा कमाने के लिये महिनों पुराने मेंदे में अनगिनत ये लोग वस्तु के आगे 'जैन शब्द जोड लट, इल्ली, कीडे पड जाते हैं अतः देते हैं। जैसे जैन कचोरी, जैन वह खाने योग्य नहीं होता। पावभाजी, जैन डोसा आदि। 3. बेकरी वाले खमीर लाने के लिये तलने का तेल, कडाही, तवा आदि इसमें खट्टा पदार्थ मिलाते हैं बर्तनों में कोई भी अनन्तकाय एवं जिससे इल्ली आदि जीव मर जाते हैं। अभक्ष्य का विवेक नहीं रखता है। उसकी चमक बढाने के लिये