________________ श्री राजेन्द्र सुबोधनी आहोरी - हिन्दी - टीका // भारत-वर्ष के हृदयस्थल स्वरूप मालवभूमि - मध्यप्रदेश में शत्रुञ्जयावतार मोहनखेडा तीर्थाधिपति श्री आदिनाथस्वामिने नमो नमः // // परमपूज्य, विश्ववन्द्य, अभिधानराजेन्द्रकोष-निर्माता, भट्टारक, सरस्वतीपुत्र, कलिकालसर्वज्ञकल्प, स्वर्णगिरी-कोरटा-तालनपुरादितीर्थोद्धारक, क्रियोद्धारक, प्रभुश्रीमद् विजयराजेन्द्रसूरीश्वर पट्टप्रभावक आचार्यश्रीमद् विजयधनचन्द्रसूरीश्वर पट्टभूषण आचार्य श्रीमद् विजयभूपेन्द्रसूरीश्वर पट्टदिवाकर आचार्य श्रीमद् विजययतीन्द्रसूरीश्वर पट्टालङ्कार आचार्य श्रीमद् विजयविद्याचन्द्रसूरीश्वरादि सद्गुरु चरणेभ्यो नमो नमः // है नमः श्री जिन प्रवचनाय // न श्री आचाराङ्ग-सूत्रम् द्वितीय श्रुतस्कन्धात्मकः चतुर्थ विभाग: तत्र विभाग: श्री शीलाङ्काचार्यविरचितवृत्ति की चतुर्थ: राष्ट्रभाषा "हिंदी" में राजेन्द्र सुबोधनी “आहोरी' हिंदी टीका... “मूल-सूत्र // संस्कृत-छाया // सूत्रार्थ // टीका-अनुवाद // सूत्रसार..." तत्र द्वितीय-श्रुतस्कन्धे प्रथम चूलिका “उपोद्घात" मङ्गलाचरणम् श्रीमद् ऋषभदेवादि - वर्धमानान्तिमान् जिनान् / नमस्कृत्य नमस्कुर्वे सुधर्मादि - गणधरान् // 1 //