________________ मुथा शान्तिलालजी वक्तावरमलजी आहोर (राजस्थान) श्री राजेन्द्र यतीन्द्र जैनागम हिन्दी प्रकाशन (श्री राजेन्द्र सुबोधनी आहोरी हिन्दी टीका) मुथा जसरुपजी जितमलजी के वंशज ऐसे आप अपने जीवन में ज्ञानभक्ति साधर्मिक भक्ति एवं मुनि मण्डल व साध्वी मण्डल के सभी प्रकार की सेवा भक्ति में अग्रगण्य रहते हुए लाभ प्राप्त करते रहते थे श्री मोहनखेडातीर्थ जीर्णोद्धारकी संपूर्ण देखरेख करते हुए जिन मन्दिरके खातमुहूर्तका लाभ प्राप्त किया एवं जालोर जिल्ला जैन संमेलन 1916 में हुआ था उसमें व कलिकुंड तीर्थ से छरिपालक संघ में एवं परमपूज्य आचार्य श्रीमद् विजय हेमेन्द्रसूरीश्वरजी म. के आचार्यपद प्रदान महोत्सव समारोह में नवकारशी का लाभ लेकर गुरुभक्तिकापरिचय दिया। KISTORIEOSHNIC TECTODARA आपके द्वारा किये गये शासन प्रभावना के कार्यसदा-सदा के लिये यादबनकर रहेंगे। :जन्म: सं. 1990 कार्तिक वदि 8 दिनांक 12-10-1933 : फर्म: सेठ शान्तिलाल एण्ड कम्पनी तनकू(आन्ध्र प्रदेश)