________________ 92 2-1-1-6-3 (367) श्री राजेन्द्र यतीन्द्र जैनागम हिन्दी प्रकाशन हो ऐसा अप्रासुक गरम पानी से अथवा सचित्त बने हुए जल से एक बार या बार बार हाथ आदि बरतन धोवे तब वह साधु पहले से ही उपयोगवाला होकर देखे कि- यह गृहस्थ हाथ आदि धो रहा हैं... तब वह साधु नाम लेकर कहे कि- हे गृहपति ! आप ऐसा न करें... जब वह गृहस्थ सचित्त जल से हाथ आदि धोकर आहारादि देने के लिये तत्पर बने तब अप्रासुक जानकर साधु उन आहारादि को ग्रहण न करें... जब गृहस्थ के घर में प्रवेश करने पर वह साधु ऐसा जाने कि- साधु को भिक्षा देने के लिये हाथ, बरतन आदि नही धोये है, किंतु तथा प्रकार से स्वयं ही कोई कार्य से जलवाला हाथ है, तथा इसी प्रकार बरतन आदि भी टपकते हुए जलबिंदुवाले हो, और चारों प्रकार के आहारादि दे रहे हो तब अप्रासुक एवं अनेषणीय मानकर साधु उन आहारादि को ग्रहण न करें... जिस प्रकार जलबिंदुवाले हाथ से आहारादि ग्रहण न करे, इसी प्रकार जलबिंदु टपकते न हो किंतु जल से स्निग्ध हाथ हो तो भी आहारादि ग्रहण न करें... इसी प्रकार रजकणवाले . हाथ हो, या मिट्टी, क्षार, हरताल, हिंगलोक, मनःशिला, अंजन, लवण, गेरूक, पीलीमिट्टी, सफेद खडी मिट्टी, तुबरिका, नही छाने हुए तंदुल का चूर्ण, धान्य आदि के छिलके, तथा पीलुपर्णिकादि के उखल में चूर्ण किया हुआ हो, तथा आर्द्रपर्ण का चूर्ण इत्यादि युक्त हाथ आदि से दिये जा रहे आहारादि को साधु ग्रहण न करें... किंतु इन सभी प्रकार से यदि हाथ बरतन आदि असंसृष्ट हो तब दिये जा रहे आहारादि को ग्रहण करे... जब ऐसा जाने कि- हाथ-बरतन आदि असंसृष्ट नही है किंतु उनसे बने हुए आहारादि से संसृष्ट है तब ऐसे संसृष्ट हाथ आदि से दिये जा रहे आहारादि को प्रासुक एवं एषणीय मानकर साधु ग्रहण करें... यहां आठ भांगे होते हैं... 1. 2. असंसृष्ट हाथ असंसृष्ट पात्र निरवशेष द्रव्य.. असंसृष्ट हाथ असंसृष्ट पात्र सावशेष द्रव्य.. असंसृष्ट हाथ संसृष्ट पात्र निरवशेष द्रव्य. असंसृष्ट हाथ असंसृष्ट पात्र सावशेष द्रव्य. संसृष्ट हाथ असंसृष्ट पात्र निरवशेष द्रव्य. संसृष्ट हाथ असंसृष्ट पात्र सावशेष द्रव्य. संसृष्ट हाथ संसृष्ट पात्र निरवशेष द्रव्य. संसृष्ट हाथ असंसृष्ट पात्र सावशेष द्रव्य. 7. 8. यहां द्वितीय भंग संपूर्ण शुद्ध है, शेष सात भंगो में यथासंभव निर्दोषता को ध्यान में लेकर आहारादि को गवेषणा करें... अब वह साधु ऐसा जाने कि- जल आदि से हाथ आदि असंसृष्ट है तब आहारादि ग्रहण करें... अथवा तथाप्रकार के दान योग्य द्रव्य से हाथ आदि