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________________ श्री राजेन्द्र सुबोधनी आहोरी - हिन्दी - टीका 2-1-1-4-2 (357) 65 लिए वहां बैठना भी पड़ता था। अतः अपवाद मार्ग में जाने वाला साधु वहां कुछ काल के लिए ठहर भी सकता है और यह अपवाद बीमार एवं तपस्वी आदि विशेष कारण होने पर ही रखा गया है। साधु को घरों में किस तरह के आहार की गवेषणा करनी चाहिए, इसका उल्लेख करते हुए सूत्रकार महर्षि आगे का कहते हैं... I सूत्र // 2 // // 357 // से भिक्खू वा. जाव पविसिउकामे से जं पुण जाणिजा खीरिणियाओ गावीओ खीरिजमाणीओ पेहाए असणं वा उवसंखडिज्जमाणं पेहाए पुरा अप्पजूहिए सेवं नच्चा नो गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए निक्खमिज वा पविसिज वा / से तमादाय एगंतमवक्कमिजा अणावायमसंलोए चिडिजा, अह पुण एवं जाणिज्जा- खीरिणियाओ गावीओ खीरियाओ पेहाए असणं वा उवक्खडियं पेहाए पुराए जूहिए सेवं नच्चा तओ संजयामेव गाहा. निक्खमिज्जा वा। / / 357 / / // संस्कृत-छाया : . स: भिक्षुः वा. यावत् प्रवेष्टुकामः, सः यत् पुन: जानीयात् क्षीरिण्यो गावो, दुह्यमानाः प्रेक्ष्य अशनं वा, उपसंस्क्रियमाणं प्रेक्ष्य, पुरा अदत्ते, सः एवं ज्ञात्वा न गृहपतिकुलं पिण्डपातप्रतिज्ञया निष्क्रामेत् वा प्रविशेत् वा। ... स: तमादाय एकान्तमपक्रम्य अनापातमसंलोके तिष्ठेत्, अथ पुनः एवं जानीयात्दीरिण्यः गावः, दुग्धाः प्रेक्ष्य अशनं वा, उपस्कृतं प्रेक्ष्य पुरा दत्ते, सः एवं ज्ञात्वा ततः संयतः एव गृह. निष्क्रामेत् वा // 357 / / III सूत्रार्थ : - साधु अथवा साध्वी आहार-पानी के लिए गृहस्थ के घर में प्रवेश करने की इच्छा करे किन्तु दुधवाली गाय दोही जा रही है अशनादि रांधने की क्रिया शुरु है या पहले से आये हुए को दिया नहीं गया है, ऐसा देखकर गृहस्थ के घर में आहार-पानी के लिये प्रवेश न करे। गृहस्थ के घर में साधु कदाचित् पहुंच गये हो तो उपरोक्त कथित कारणों में से कोई भी कारण मौजूद हो तो एकांत में चले जाये कि- जहां किसी का आवागमन न हो या कोई भी देख न पाये ऐसे स्थान में खड़े रहे। और जब ऐसा जाने (ज्ञात हो) कि- गायों ने दूध दे दिया है, रसोई बन गई हैं तब गृहस्थों के घर में यतनापूर्वक आहार-पानी के लिये प्रवेश करे। // 357 //
SR No.004438
Book TitleAcharang Sutram Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayprabhvijay, Rameshchandra L Haria
PublisherRajendra Yatindra Jainagam Hindi Prakashan
Publication Year
Total Pages608
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size14 MB
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