________________ ॐ ॐ श्री आदिनाथाय नमो नमः उपवास, आयंबिल, एकासना का वर्षीतप करके प्रभु आदिनाथ की तप-परंपरा से जुड़कर अनंत कर्म निर्जरा के लाभार्थी बनें। कहा है- लालीबाई करे लप। करने दे नहीं तप॥ यदि तपस्या से वर्षीतप नहीं कर सके तो निम्न वर्षीतप करके कर्म निर्जरा करें। 1. वर्धमान सामायिक वर्षीतप 2. वर्धमान महामंत्र वर्षीतप 3. वर्धमान लोगस्स वर्षीतप सामायिक से सर्व सावद्ययोग की विरती होती है, नवकार मंत्र की माला से पंच परमेष्ठी में स्थान मिलता है। लोगस्स सूत्र की माला से सम्यग्दर्शन विशुद्ध होता uc जीवन का Fuse उड़े उससे पहले शरीर का Use करके शरीर को तपालो। _खाने से खिलाना जिसे अच्छा लगता है उसी का मानव-जीवन सफल होता है। नमोअरिहंतापी नमो सिध्दाणं। नमोआयरियाणी नमो उवज्झायाणं। नमो लोए सब्बसाहूणं।