________________ Aleestesgesteesees gestion | इक्षुरस पारणा (तर्ज-देख तेरे संसार.......) इक्षुरस से किया पारणा,आखा तीज महान, जय-जय आदिनाथ भगवान (1) ऐसा कर्म उदय में आया, बारह मास आहार न पाया। सूखी कल्पवृक्ष-सी काया, फिर भी दिल से नहीं घबराया। घर-घर नित जावे गोचरी, देवे सब सम्मान।। कोई हाथी घोड़ा लावे, रत्नथाल भी कोई बहरावे। कोई कन्या भेंट चढ़ावे, प्रभु देख पाछा फिर जावे। बारह घड़ी अन्तराय की कीनी, बारह मास भुगतान।। विचरत-विचरत महल में आया, भोजन दोष रहित न पाया। प्रभु लौटकर बाहिर आया, श्रेयांस कहे है मुनिराया। इक्षुरस निर्दोष है स्वामी, ले लो कृपानिधान।। आज प्रभु कर पात्र बढ़ाया, कुंवर सेलड़ी रस बहराया। किया पारणा सब मन भाया, तीन लोक में आनन्द छायां। घर-घर हर्ष सवाया गाया,सुर नर मंगल गान।। + विश्वप्रेम मैत्री के साधक, आनंद गुरु तुम्हें प्रणाम। मोक्षपंथ के विधि विधायक आनंदगुरु तुम्हें प्रणाम।। testosterone gegevoegestas