________________ भूचरी मुद्रा भूचरी मुद्रा . भूचरी मुद्रा विधि पद्मासन, सिद्धासन या किसी भी ध्यान के आसन में बैठिये / दाहिने हाथ को घुटने पर रखिये। .... बाएँ हाथ को मुँह के सम्मुख उठाइये / पूरी भुजा क्षैतिज स्थिति में रहेगी। हथेलियाँ नीचे की ओर खुली रहेंगी। अंगूठे को ऊपरी होठ तथा नासिका के आधार पर स्थिर कीजिये / इसी हाथ की चतुर्थ या छोटी अंगुली की ओर एकाग्र दृष्टि से देखिये / कुछ देर इस अंगुली पर तनावरहित गहन एकाग्रता के बाद हाथ को हटा लीजिये। परन्तु उसी स्थान पर दृष्टि एकाग्र रखिये जहाँ छोटी अंगुली थी / अधिक से अधिक देर इस रिक्त स्थान परं दृष्टि रखिये / रिक्तता की अपेक्षा और कुछ भी विचार न उठने दीजिये / लाभ एकाग्रता एवं स्मरण शक्ति में वृद्धि करता है | मन को अंतर्मुखी बनाता . है; अतः ध्यान की तैयारी का उत्तम अभ्यास है। टिप्पणी आरंभ में अभ्यास कठिन हो सकता है परन्तु अभ्यास से सरलतम बन जाता है। 304