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________________ ee अढीप्रीपना नकशानी हकीगत. ददण जरताऊंनी अयोध्यानगरी पोहोल पणे नव योजन ..... उत्तर ऐरवतानी अयोध्यानगरी पोहोल पणे नव योजन बे. उत्तर बाजुनां जरतार्डनां योजन. 23) दक्षण बाजुये ऐरवतानां योजन- ... 237) चुलहेमवंत पर्वत पोहोल पणे योजन. .... 1055) शिखरी पर्वतनां पोहोल पणे योजनः ..... 1053)2 हेमवंत क्षेत्र युगलीयानुं पोहोल पणे योजन. 215) एरन्यवंत क्षेत्र युगलीयानुं पोहोल पणे योजन. 2105) महाहिमवंत पर्वत दक्षणोत्तर पहोल पणे योजन..... .... 4210) रूपी पर्वत दक्षणोत्तर पहोल पणे योजन. 4210) हरिवर्ष क्षेत्र युगलीयानुं दक्षणोत्तर पहोल पणे योजन. G421) रम्यक् क्षेत्र युगलीयानुं दक्षणोत्तर पहोल पणे योजन. 421) निषध पर्वत दक्षणोत्तर पोहोल पणे योजन. ..... .... 16742) नीलवंत पर्वत दक्षणोत्तर पोहोल पणे योजन. ... .... 16742) देव कुरुक्षेत्र युगलीयानुं दहणोत्तर पोहोल पणे योजन .... 11042) उत्तर कुरुक्षेत्र युगलीयानु ददाणोत्तर पोहोल पणे योजन. .... .... 11042) मेरु पर्वतनी दक्षणोत्तर विष्कंन. .... सरवाले अढीछीपनां दक्षणोत्तर योजन संख्या. 4500000 // अथ एकतालीश बोलें अढीहीप व्याख्यान उपदेश // प्रथम श्ष्टदेवने नमस्काररूप मंगलाचरण // ' ॥श्लोक // श्रीवईमानाख्यविभुं यजामि, सुरासुरैःसेवितपादपद्मम् // तस्योपदेशामृतपानपीना, नरा नवाब्धिं विषमं तरंति // 1 // हवे अढीछीपनी व्याख्या करे. जंबूटीपथी मांडीने मानुष्योत्तर पर्वत लगे अढी छीप समयदेत्र कहेवायचे. एमां जे काश् शाश्वता पदार्थ, नित्य पदार्थ, ध्रुवपदार्थ, श्रव स्थितनावे ते संदेपथी एकतालीश बोले करी कहीये बैये. 1 प्रथम बोले खांमुश्रानुं प्रमाण कहेजे. लाख योजननुं जंबूछीपडे तेना. 190) खांडुश्रा थाय, ते श्रावी रीते. प्रथम एक खांमुश्रो जरत क्षेत्रनोजाणवो,तेवाज बे खां 10000
SR No.004399
Book TitleAdhidwipna Nakshani Hakikat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1909
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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