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________________ सोप्रकारना रत्नोना नेद. 10 1 3 विठजानकीर्ति, 4 नवकृतकाव्यकीर्ति,५ श्रावर्तनकीर्ति, 6 शौर्यकीर्ति, यशःकीर्तिः 7 सत्यावीशमा रसना नवनेद बे, ते कहे . 1 श्रृंगाररस, र हास्यरस, 3 करुणा रस, 4 रौषरस. 5 वीररस, 6 नयानकरस, 7 बीजत्सरस, 7 अनुतरस, ए शांतरस. 27 अध्यावीशमा जावना उगणपच्चास नेदो बे, ते कहे . 1 रति, 5 हास्य, 3 शोक, 4 क्रोध, 5 उत्साह, 6 जय, 7 जुगुप्सा, 7 विस्मय, ए स्तंचन, 10 खेद, 11 खर, 15 नेद, 13 रोमांच, 14 वेपथु, 15 वैवर्ण्य, 16 अश्रु, 17 प्रलाप, 17 निर्वेद, १ए ग्लानि-२० शंका, 1 आश्रम, 22 आलस्य, 23 देशचिंता 24 मोह, 25 धृति, 26 स्मृति, क्रीमा, 27 चपलता, ए जमत. 30 हर्ष, 31 अवश, 32 विषाद, 33 असुख, 34 वर्ग, 35 अपस्मार, 36 निजा, 37 स्वप्न, 30 विबोध, ३ए अमर्ष, 40 उग्रता, 41 उन्माद, 42 मति 43 व्याधि, 44 विरक्त, 45 वितर्क, 46 त्रास, 47 सूमरण, माया, ४ए लोज. शएगणत्रीशमा अलिनयना चार नेद कहे वे.श्यांगिक,श्वाचक, 3 सात्विक,४ अहार्य: 30 त्रीशमा वृत्तिना चार नेद कहे . 1 जारती, 2 सात्वती,३ कौशिकी, 4 अरनही. ___31 एकत्रीशमा माहान्पुरुषना चार नेदो बे, ते कहे जे. 1 धीरोझत, 5 धीरोदात्त, 3 धीरललित, 4 धीरशांत. 35 वत्रीशमा नायकना चार लेदो ले. ते कहे जे. 1 दक्षिण, 2 अनुकूल, 3 शठ, भ्रष्ट. 33 तेत्रीशमा नायकना गुण बत्रीश प्रकारना , ते कहे . 1 कुलीन, शीलवा न्, 3 नयस्थ, ४शौचवान्, 5 प्रियंवद, 6 प्रीतिमान्, 7 सुनग, विनयवान्, ए कीर्ति मान्, 10 त्यागी, 11 विवेकी, 15 श्रृंगारवान्, 13 अनिमानी, 14 श्लाघ्यवान्, 15 स मुज्ज्वलवेष, 16 सकलकला कुशल, 17 प्रिय, रसत्यवान्, 'एअवदान्य, 20 वजन, 21 सुगंधप्रिय, 22 सुवृत्त, 23 मंत्रवान्, 24 क्लेशसह, 25 प्रस्तावप्रकाशक 26 पंमित, 27 उत्तम सत्व, 27 धार्मिक, शए महोत्साही, 30 गुणग्राही, 31 दमी, 35 प्रानाविक. 34 चोत्रीशमा माहानायिकाना त्रण नेद कहे . 1 स्वकीया, 2 परकीया, 3 पणांगना. वाग्नद्दालंकारमा नायिकाना चार नेद कह्या .अनूढा,श्स्वकीया,३परकीया,पणांगना. ____35 पांत्रीशमा नायिकाना आउनेह कहे . 1 वासकसजा, विरहोत्कंमिता,३खं मिता, विप्रलब्धा,५ प्रोषितजर्तृका,६ कलहांतरिता, अनिसारिका, स्वाधीननर्तृका. 36 बत्रीशमा वली पण नायिकाना गुणो एकत्रीश प्रकारना , ते कहे बे. 1 कुलजा, 2 सुनगा, 3 सुरूपा, 4 सुसत्त्वा, 5 सुवेषा, 6 सुविनीता, सुरतप्रवीणा, सुख प्रिया,ए विजोगिनी,१० विचक्षणा,११ प्रियजाषिणी, 12 प्रसन्नमुखी, १३पीनस्तनी, 14 रसिका,
SR No.004399
Book TitleAdhidwipna Nakshani Hakikat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1909
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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