SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 19
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अढीहीपना नकशानी हकीगत. 37 बत्रीशमे बोले जंबूद्वीपमां नरत क्षेत्र तरफ हिमवंत युगल क्षेत्रमा शब्दापाती वृत्तवैताढ्य अने हरिवासयुगल क्षेत्रमा गंधावती वृत्तवैताढ्य तथा ऐरवत क्षेत्र जणी ऐरण्यवत युगल क्षेत्र तेमां वकटापाती वृत्तवैताढ्य तथा रम्यक् युगल क्षेत्रमा मा व्यवंत वृत्तवैताढ्यजे. ए चार जंबूठीपमां . तथा एथकी बमणा एज नामे धातकी खं डमां श्राउ वृत्तवैताढ्य तथा पुष्कराईमां पण आठ वृत्तवैताढ्य. सरवाले अढीछी पमां वीश वृत्तवैताढ्य ते सर्वे पालाने आकारे गोल. मूल तथा उपरे एकेक हजार योजन पोहोला बे अने जंचा पण एकेक हजार योजन . 33 तेत्रीशमे बोले जंबूछीपनां देवकुरुमा यमक अनेसमक ए बे अने उत्तरकुरुमां चित्र विचित्र ए बेमली चार पर्वत अने धातकी खंगमां ए थकी बमणा श्राप तथा पुष्क राईमां पण आप.सरवाले अढीछीपमां वीश पर्वतले तेसर्वे एकेक हजारयोजन उंचावे. 34 चोत्रीशमे बोले जंबूद्वीपमा निषध पर्वतनी नीचे सीतोदा नदीने बे पासे थश्ने एकसो कंचनगिरिने तथा निलवंत पर्वतने नीचे सीता नदीने बे पासे थश्ने एकशो कंचन गिरि एरीते वशो कंचन गिरि जंबूछीपमांने तेथकी बमणा चारसो कंचनगिरि धातकी खममां तथा चारसो कंचन गिरि पुष्कराई मां सरवाले अढीवीपमा एक हजार कंचन गिरि तेनां उपर तिर्यकर्जनक देवताना निवास ए सर्व पर्वत शो शो योजन ऊंचा. 35 पांत्रीशमे बोले जंबूहीपमा जरतनी दिसाये पहेबु हेमवंत युगल क्षेत्र तथा ऐरव तनी दिसाये पहेलु ऐरण्यवंत युगल क्षेत्रमा त्रीजो पारो वर्तेने त्यांना मनुष्यनुं एक गाउ प्रमाण शरीर डे एक पढ्योपम आयुडे अने चोथ नक्त एकांतरें आमला प्रमाणे थाहार कल्पवृद आपेडे एने पृष्ट करंडक चोशग्ने, अपत्यपालना ए दिवस करे अने अपत्य एटले दीकरा दीकरी जेवारे ओगण्याएंसी दिवसनां थाय तेवारे मातापिता म रण पामीने देवलोकमां जाय. हवे नरत तरफ हरिवास क्षेत्र अने ऐरवत क्षेत्रनी तरफ रम्यक् देत्र ए बे युगलक्षेत्र मध्ये बीजो आरो वर्तेने. ए युगलीयानुं बे गाउ शरीर अने बे पत्यायु 120 पृष्ट करंमी, बहनत, चोस दिवस अपत्य पालना करी माता पिता स्वर्गे जाये. इहां हरिवास क्षेत्रमा उपजेलो वनमाला नामे राजानोजीव युगलोयो हतो तेने वीराशालवीनो जीव किदिवषियो देव थयो तेणे क्रोध वसे ए युगलियाने नरकमां मो कलवा सारु हरिवासयी उपामीने चंपानगरीये मूक्यो भने बे पट्योपमनुं आयु तो डीने ते समयना आयु प्रमाणे आउखुं कलुं तेने राज्ये बेसाडी मद्य मांस कुकर्म शीख वीने नरके मोकदयो एअरुं थयु ए हिरवास देवनां नाव कह्या. हवे श्रा तरफ निषध पर्वतनी नीचे देवकुरुक्षेत्र अने पेहेली तरफ नीलवंत पर्वतनी नीचे उत्तरकुरु क्षेत्र ए बे युगल देत्रमा पहेलो थारो वत्तेजे. ए युगलीयानुं त्रण गाउ शरीर अने त्रणप व्यायु
SR No.004399
Book TitleAdhidwipna Nakshani Hakikat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1909
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy