________________ 242 चोवीश दमकें पांत्रीश द्वार. 1 तेथकी माहेंजदेवलोकना देवता असंख्यात गुणा बे. 25 तेथकी सनत्कुमार देवलोकना देवता असंख्यात गुणा . 23 तेथकी बीजी शर्करप्रना नरक पृथिवीना नारकी असंख्यात गुणा बे. बारमा बो लथी मामीने श्रा त्रेवीशमा बोल पर्यंतना बार बोलमां प्रत्येके सर्व घनीकृत लोक नी एक श्रेणीने असंख्यातमे जागे जेटला आकाश प्रदेश होय, ते प्रमाणे ने अने एकेकथी असंख्यात गुणा कह्या बे. कारण के असंख्याताना असंख्याता नेद ने तेमाटे एमां विरोधता समजवी नहीं. 24 तेथकी संमूर्छिम मनुष्य असंख्यात गुणा बे. अंगुल प्रमाण देत्र प्रदेश रासिसंबं धी त्रीजा वर्ग मूलने प्रथम वर्ग मूलसाथे गुणतां जे प्रदेश थाय तेटला बे. 25 तेथकी शानदेवलोकना देवता असंख्यातगुणा बे. अंगुल मात्र आकाश क्षेत्रनी प्रदेशराशि संबंधी बीजो वर्ग मूल तेने त्रीजा वर्ग मूल साथे गुणतां जेटला प्रदे श थाय, तेटली घनीकृत लोकनी एक प्रदेशनी श्रेणियो लेवी, तेने विषे जेटला आकाश प्रदेश होय, तेटला ईशानदेवलोकना देवता बे. 26 तेथकी ईशानदेवलोकनी वसनारी देवीयो संख्यातगुणी अधिक ,वत्रीश गुणी माटे 27 तेथकी सौधर्मदेवलोकना देवता संख्यातगुणा बे, केम के तिहां विमान घणां बे, अने वली दक्षिण दिशिये कृष्णपदी जीव घणा ने माटे. . 20 तेथकी सौधर्म देवलोकवासी देवी, बत्रीश गुणी बे, माटे संख्यातगुणी बे. शए तेथकी जवनपति देवता असंख्यात गुणा बे. कारण के एक अंगुलमात्र आकाश देवनी प्रदेशराशि संबंधी प्रथम वर्गमूल तेने त्रीजा वर्गमूल साथे गुणतांजे प्रदे शराशि थाय, तेटली घनीकृत लोकनी एकप्रादेशिक श्रेणिउने विषे जेटला आका शप्रदेश होय तेटला . इहां यद्यपि प्रदेश असंख्याता ने तथापि असत्कल्पनाये 256 कल्पीये तेनो प्रथम वर्ग मूल 16 थाय, बीजो वर्गमूल चार थाय अनेत्री जो वर्गमूल बे थाय माटे शोलने बे साथे गणीये तेवारे बत्रीश थाय. 30 तेथकी नवनपतिनी देवीयो बत्रीश गुणी , माटे संख्यातगुणी बे. 31 तेथकी पहेला रत्नप्रजा नामा नरकपृथ्वीना नारकी असंख्यात गुणा बे, अंगुल प्रमा ण आकाशदेवनी प्रदेशराशि संबंधी प्रथमवर्ग मूल तेने बीजा वर्गमूलनी साथे ग पतां जे प्रदेश थाय, तावत् प्रमाण श्रेणियोमा जे श्राकाश प्रदेश थाय तेटला . 35 तेथकी खेचर पंचेंप्रिय तिर्यंचयोनिया पुरुष असंख्यात गुणा बे, जेमाटे एकप्रदेशीप्र तरना असंख्यातमा जागमांअसंख्याती आकाश प्रदेशनीश्रेणिगत प्रदेश प्रमाण बे.