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________________ अढीवीपना नकशानी हकीगत. २०ए नो आंक थाय. ए आंकने चारे अपवर्तना करेली बेदराशिना जे 614573 नो श्रांक बे, ते आंके नाग श्रापीये, तेवारे 1203 नो आंक आवे. शेष एए०६७१ नो आंक वधे, तेने नाग पहोंचे नही, माटे एमज रहेवा आपीये. अने 203 ना आंकने एक लाखने शाठ हजारे गुणेला लब्धराशिना श्रांक साथे मेलवीये तेवारे 196663367203 नो आंक प्रतिकलानो थाय, तेनी कला करवाने अर्थे उंगणीशनो नाग आपीये, ते वारे 10350703537 कला थाय, तेना योजन करवा सारु फरी बीजीवार उंगणीशे जाग आपीये तेवारे 5447370 योजननी उपर सात कला थाय. एटला हरिवास देवनी नूमिना एक योजनीया समचतुरस्र खंमुक जाणवा. हवे निषधपर्वतर्नु प्रतर करवानुं गणित कहिये बैये. हरिवासदेत्रने हेडे निष धपर्वतने लगतुं जे लांबपणुं तेनी जीवानो वर्ग ते लघुजीवा वर्ग कहीये, तथा निष धपर्वतनी उत्तरनी पासे मेरुपर्वत तरफ जे निषधनुं लांबपणुं तेनी जीवानो जे वर्ग,ते गुरु जीवावर्ग जाणवो. ए बे जीवावर्गना श्रांकनो सरवालो करी तेनुं अर्ज करीये. ते वारे 256000000000 नो आंक थाय, तेनुं वर्गमूल शोधिये तेवारे 1600104 लब्ध राशि थाय, अने 152514 एटली शेषराशि रहे, तथा 31620 एटली बेद राशि आवे, ए त्रण राशि थ. हवे शेषराशिनो श्रांक मांगीने तेने शोलने आंके अपवर्तिये एटले नागाकार थापीये, तेवारे ए५३२४ नो अांक आवे. तेमज ते बेदराशिना आंकने शोले अपव तिये तेवारे 201013 नो श्रांक श्रावे. पली लब्धराशिनो श्रांक जे 1677104 नो बे, तेने निषध पर्वतना पहोलपणानी 32000 कलानी साथे गुणीये, तेवारे ५१४५ए३२०००० नो अांक आवे, तेने एक बाजु लखी राखीये. हवे शेषराशिने शोलना के अपवर्तन करेलो जे ए५३२४ नो श्रांक बे, तेने निषध पर्वतना पहोलपणानी जे 320000 कला बे, तेनी साथे गुणीये, तेवारे 3050367000 नो थांक आवे, तेने शोले अपवर्तन करेली बेदराशिनो जे 201013 नो अंक जे, ते के नागाकार आपीये, तेवारे १५१७भए नो प्रांक श्रावे. शेष 157263 नो श्रांक वधे, तेने नाग पहोंचे नही माटे पमतो मूकीये, अ ने त्रण लाख वीश हजारे गुणेला लब्धराशिना आंकनी साथे ए १५१७धाए नो आंक मेलविये, तेवारे ५१४५५३४३१७४ए नो अांक प्रतिकलारूप थाय, तेनी कला कर
SR No.004399
Book TitleAdhidwipna Nakshani Hakikat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1909
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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