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________________ 206 अढीछीपना नकशानी हकीगत. 5762474 कला थाय, अने उपर अगीयार प्रतिकला उगरे तेना योजन करवा सा रु फरी ए कलानी राशिने उंगणीशनो नागाकार आपीये, तेवारे 3032 योजन बार कला अने अगीयार प्रतिकला थाय एटला एकेका योजनना चोसला खांमवा उत्तराः जरतना जाणवा. इति उत्तर नरताईस्य प्रतरकरण विधिः समाप्तः // हवे हिमवंत पर्वतने तलीये प्रतरनी संख्या करवाने अर्थे वरतारो करवानीरीत लखीये बैये. हिमवंत पर्वतनी दक्षिणने पासे जे उत्तरजरतार्डनो 75600000000 जी वा वर्ग बे, ते लघु जीवा वर्ग जाणवो, अने हिमवंत पर्वतनी उत्तर दिशिये जे 24000000 जीवावर्ग, ते गुरु जीवावर्ग जाणवो. ए बे वर्ग एकठा मेलवीये, ते वारे 300000000000 ए आंक श्रावे, तेनुं अर्ड करीये, तेवारे 150000000000 था य. ए श्रांकने करणी करी मूल शोधिये, तेवारे ३०७शएज लब्धराशि थाय. अने शेष राशि २एएएए६ एटली उगरे, तथा बेदराशि अपए६ थाय. पली शेष राशिनो 25156 नो श्रांक श्राव्यो बे, ते आंकने चारना आंक साथे अपवर्त्तन करीये, एटले चारे नागाकार श्रापीये, तेवारे ६षणा नो अांक आवे, तथा बेदराशिना आंकने चारे अपवर्तन करीये, एटले चारने बांके जागाकार आपीये तेवारे १७३६४ए नो ांक श्रावे. हवे लब्धरा शिनो श्रांक जे ३७ए नो आव्यो ने ते आंकने हिमवंत पर्वतनं पहोलपणुं जे वीश हजार कलारूप में, तेनी साथे गुणीये, तेवारे ४५ए६०००० नो श्रांक आवे, ते एक बाजुये लखी मूकीये. पली शेष राशिने चारे अपवर्तन करतां जे ६४ाए नो श्रांक श्राव्यो बे, ते राशि ने हिमवंत पर्वतना पहोल पणानी वीश हजार कला साथे गुणाकार करीये, तेवारे १२एएएG0000 नो अांक श्रावे, तेने बेदराशिने चारे अपवर्तन करेला १९३६४ए ना आंके जाग आपिये, तेवारे ६६ए नो अांक आवे, अने उपर नए नो आंक शेष रहे, तेने नाग पहोंचे नही माटे ते श्रांक पमतो मूकीने ए ६६एए नो जे आंक ने ते हिमवंत पर्वतना पहोल पणानी वीशहजार कलाये गुणेला लब्धरा शिना ७७४५ए६०००० आंक साथे मेलवीये, तेवारे ७१४५ए६६६७५ नो आंक प्रतिकलारूप थाय, तेनी कला करवा सारु ए आंकने उंगणीशनो नागाकार थापीये, तेवारे 40762457 नो प्रांक उपर नव प्रतिकला वधे, वली ए आंकना योजन करवाने अर्थे फरी जंगणीशे नाग आपीये, चारे २१४५६ए७१ योजननी उपर आठ कला अने नव प्रतिकला. थाय. ए टला एकेक योजनना चोशला खांमवा हिमवंत पर्वतना जाणवा इति //
SR No.004399
Book TitleAdhidwipna Nakshani Hakikat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1909
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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