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________________ 9 / ६००एol अढीछीपना नकशानी हकीगत. Hogavo 6 योजनने श्राप हजारे गुणतां धनुष्य थया. 421 // दश कलाना 421 // धनुष्य उपर अगधी कला वधी. 37044)045221 // सरवाले एकंदर धनुष्य थया. 3704 मूल 15224 ने बमणा करी नाग थापतां एक श्राव्यो. ३४०४४)३३४०७१(ए बाकी 33404 रह्या उपर एक लीधो. 3334032 3044 नवा 3334032 गया. शेष धनुष्य ६७०ए रह्या. उपर शून्य लीधो. ए अंगुल करवाने उन्मुंये गुणवा. 402540 उपली राशिने बएं गुणतां आंक. 60310 उपली राशिने नवे गुणतां आंक. उपली राशिना रहेला धमधा श्रांके गुणतां. 37044)64406 (1 सरवाले एकंदर अंगुल थया. 37047 मूलनी राशीने बमणा करी नाग देतां एक श्राव्यो. 304) 203620 (7 बाकी 273620 रह्या उपर आप लीधा. 2553136 फरी 34044 ने साते गुणतां ए आंक आव्यो. . 143072 शेष अंगुल 143072 रही. ए२६१५ पा आंगुलमां एश्६१५ नो अंक गयो. 5460 शेष अंगुल 50460 राशि रही. ए दक्षिणा; जरतनी जीवा एya) योजन उपर एक योजनना जंगणीश नाग करीये, तेवा बार नाग तथा वली एक योजनना जंगणीशिया 167324 जाग शेष व ध्या बे, तेने छेद कला 3004 नागे वेंचीये, तेवारे 151) धनुष्य अने सवा सतर अंगुल श्रावतां शेष 50460 अंगुल राशि वधे बे, तेने बेद कलानो श्रांक वधारे , माटे नाग पोहोचे नही, तेथी तेना वली यव प्रमुख करीने जे रीते ते नाग पहोचे तेम पहोचामवो अने गणित करी बेवं जोश्ये. हवे ए जेम दक्षिणाई नरतनुं जीवाकरण कगुं, तेम वैताढ्यादिक पर्वतोनी जीवा नुं गणित पण करवं. अहियां सर्वेना जूदां जूदां गणित करता नथी, पण जंबूझीप माहे ला सर्व स्थानकोनी जीवा करवानो यंत्र नीचे लखिये बैये. ते गणित समजी लेवं.
SR No.004399
Book TitleAdhidwipna Nakshani Hakikat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1909
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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