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________________ अढीद्वीपना नकशानी हकीगत. आंकनी साथे 175600 ना आंकने शोधिये, तेवारे 6324 छ 15647 थाय, अने वली बेनो नाग श्राव्यो माटे हुए हुए चारनो अांक थाय. तेने 12647 ना आंकनी नीचे चांपी मांडीये, तेवारे 12644 नो अंक थाय. ते 175600 ना आंकमांथी बाद करीये तेवारे बाकी 45116 नो अांक वघे, अने वर्गना मूलनो अांक प्रथम 3165 नो हतो तेनी नीचे बगडो लखीये, तेवारे 31 622 नो आंक थाय हवे शेष जे भए११६ नो आंक वध्यो ने तेनी नीचे उपरली महोटी राशि मांहेली जे वे शुन्यो शेष रहेली , ते लहिये तेवारे 4711670 नो अंक थाय, अने महो टी राशिमाहेली शेषरहेली शुन्यो सर्वे खपी गइ. पठी वर्गना मूलनो जे 31622 नो अंक , तेने पूर्वली रीते हिगुणो करीये, तेवा रे 3244 नो श्रांक थाय. ते श्रांकनी साथे ४ए११६०० नां श्रांकने शोधीये, ते श्रावी रीते के 63244 सातां 4427 थाय, अने वली सातनो नाग श्राव्यो माटे सातने सात गुणा करीये तो सतियो सतियो उगणपञ्चाशनो श्रांक थाय, ते 442707 ना श्रांकनी नीचे चांपी मांमीये, तेवारे ४४२७१ए नो श्रांक थाय, ते ४ए११६०० ना यांकमांथी बाद करीये, तेवारे वाकी 4471 नो श्रांक वधे, अने वर्गमूलनो प्रथम 31622 नो श्रांकहतो तेनी नीचे सातडानो श्रांक लखीये. तेवारे 31622 नो श्रांक थाय हवे शेष जे 44471 नो श्रांक वध्यो , तेनी आगल श्रांक वधारवा माटे महोटी राशिमांहेली शेष को आंकनी संख्या रही नथी. तेमज वर्ग मूलना आंकनी राशि जे 316227 नी , तेने छिगुणा करीये तो 632454 नो श्रांक थाय, तेनी साथे शो धवामांमीये तो शोधाय पण नही कोनाग पोहोंचे नही. तेमाटे ए योजननी राशि ना एकेका योजनना चार चार कोश करी नाखीये तेंवारे 17374 कोश थाय. तेने वर्गमूलनी जे बमणी करेली 632454 ना आंकनी राशि दे, तेणे करी जाग थापीये तेवारे रखए७३६२ नी संख्यामां त्रण गाजे आवे. शेष 40522 गाउ वधे अने मूलना आंकनी संख्या३१६२२७ योजननी उपर त्रण गाजनी थाय. हवे शेष रहेला 4522 गव्यतिनी संख्याने पण 635454 नां श्रांकनी राशिनो नाग पहोंचे नही माटे ए प्रत्येक गाजना बे हजार धनुष्य प्रमाणे 2044000 धनुष्यनी संख्या करीने तेने 632454 नो नाग आपतां 054112 नी संख्यामां 127 धनु प्य आवे शेष एGU धनुष्यनी संख्या वधे, अने मूलनी राशि 31627 योजननी उपर त्रण गाउ तथा 127 धनुष्य एटली थाय हवे एGO धनुष्यनी संख्याना अंगुल करावा सारु एक धनुष्यना ए६ आंगुले गु
SR No.004399
Book TitleAdhidwipna Nakshani Hakikat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1909
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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