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________________ (8) हो / मनुष्य की हड्डी यदि जली हो / धुली न हो तो 12 वर्ष तक। 14 अशुचि की दुर्गन्ध आवे या दिखाई दे . तब तक 15 श्मशान भूमि सौ हाथ से कम दूर हो तो 16 चन्द्रग्रहण--खण्ड ग्रहण में 8 प्रहर, पूर्ण हो तो 12 प्रहर 17 सूर्य ग्रहण " 12 . " 16 " . 18 राजा का अवसान होने पर / जब तक नया राजा घोषित - न हो। 19 युद्ध स्थान के निकट....... . जब तक युद्ध चले। 20 उपाश्रय में पंचेन्द्रिय का शव पड़ा हो / जब तक पड़ा रहे / 21-25 आषाढ़, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक और चैत्र की पूर्णिमा / .......... दिन-रात 26-30 इन पूणिमाओं के बाद की प्रतिपदा " 31-34 प्रातः, मध्यान्ह, संख्या और अर्द्धरात्रि / 1-1 मुहूर्त / उपरोक्त अस्वाध्याय को टाल कर स्वाध्याय करना चाहिए / खुले मुँह नहीं बोलना तथा दीपक के उजाले में नहीं बाँचना चाहिए। नोट- मेघ-गर्जनादि में अकाल, आर्द्रा नक्षत्र से पूर्व और स्वांति के बाद का माना गया है।
SR No.004388
Book TitleAnangpavittha Suttani Padhamo Suyakhandho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1984
Total Pages608
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, & agam_pragyapana
File Size11 MB
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