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________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि पजत्ताण कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा वणस्सइकाइया अपजत्तगा, वणस्सइकाइया पजत्तगा संखेजगुणा / / एएसि णं भंते ! तसकाइयाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा 1 गो०! सव्वत्थोवा तसकाइया पजत्तगा, तसकाइया अपजत्तगा असंखेजगुणा // 155 // एएसि णं भंते ! सकाइयाणं पुढविकाइयाणं आउकाइयाणं तेउकाइयाणं वाउकाइयाणं वणस्सइकाइयाणं तसकाइयाण य पजत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा तसकाइया पज्जत्तगा, तसकाइया अपज्जत्तगा संखेज्जगुणा, तेउकाइया अपज्जत्तगा असंखेजगुणा, पुढविकाइया अपजत्तगा विसेसाहिया, आउकाइया अपजत्तगा विसेसाहिया, वाउकाइया अपज्जत्तगा विसेंसाहिया, तेउकाइया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा, पुढविकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया आउकाइया पज्जत्तगां विसेसाहिया, वाउकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया वणस्सइकाइया अपज्जत्तगा अणंतगुणा, सकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया वणस्सइकाइया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा, सकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया, सकाइया विसेसाहिया॥१५६।। एएसिणं भंते ! सुंहमाणं सुहमपुढविकाइयाणं सुहमआउकाइयाणं सुहुमतेउकाइयाणं सुहुमवाउकाइयाणं सुहुमवणस्सइकाइयाणं सुहुमणिओयाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वथोवा सुहुमतेउकाइया, सुहुमपुढविकाइया विसेसाहिया, सुहुमआउकाइया विसेसाहिया, सुहमवाउकाइया विसेसाहिया, सुहमणिओया असंखेज्जगुणा, सुहुमवणस्सइकाइया अणंतगुणा, सुहुमा विसेसाहिया // 157 // एएसि | भंते ! सुहुमअपज्जत्तगाणं सुहुमपुढविकाइयअपज्जत्तगाणं सुहुमआउकाइयअपज्जत्तगाणं सुहुमतेउकाइयअपज्जत्तगाणं सुहुमवाउकाइयअपज्जत्तगाणं सुहुमवणस्सइकाइयअपज्जत्तगाणं सुहुमणिओयअपज्जत्तगाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा 4 ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमतेउकाइया अपज्जत्तगा, सुहुमपुढविकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया सुहुमआउकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, सुहुमवाउकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, सुहुमणिओया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, सुहुमवणस्सइकाइया अपज्जन्तगा अणंतगुणा, सुहुमा अपज्जत्तगा विसेसाहिया // 158 // एएसि णं भंते! सुहमपज्जत्तगाणं सुहुमपुढविकाइयपज्जत्तगाणं सुहुमआउकाइयपजत्तगाणं सुहुमतेउकाइयपजत्तगाणं सुहमवाउकाइयपज्जत्तगाणं सुहुमवणस्सइकाइयपज्जत्तगाणं सुहमणिओयपज्जत्त
SR No.004388
Book TitleAnangpavittha Suttani Padhamo Suyakhandho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1984
Total Pages608
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, & agam_pragyapana
File Size11 MB
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