________________ 186 अनंगपविद्वसुत्ताणि विदिसासु, एवं जाव सुद्धदंतदीवेत्ति जाव सेत्तं अंतरदीवगा // 112 // से किं तं अकम्मभूमगमणुस्सा ? 2 तीसविहा पण्णत्ता, तंजहा-पंचहिँ हेमवएहिं, एवं जहा पण्णवणापए जाव पंचहिं उत्तरकुरूहिं, सेत्तं अकम्मभूमगा / से किं तं कम्मभूमगा ? 2 पण्णरसविहा पण्णत्ता, तंजहा-पंचहिं भरहेहिं पंचहिँ एवएहिं पंचहिं महाविदेहेहि, ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-आरिया मिलेच्छा, एवं जहा पण्णवणापए' जाव सेत्तं आरिया, सेत्तं गब्भवक्कंतिया, सेत्तं मणुस्सा // . 113 // ॥मणुस्सुद्देसो समत्तो // मंदरोडेसो से कि तं देवा ? देवा चउन्विहा पण्णत्ता, तंजहा-भवणवासी वाणमंतरा जोइसिया वेमाणिया // 114 // से कितं भवणवासी ? 2 दसविहा पण्णत्ता, तंजहाअसुरकुमारा जहा पण्णवणापए देवाणं भेओ तहा भाणियव्वो जाव अणुत्तरोववाइया पंचविहा पण्णत्ता, तंजहा-विजयवेजयंत जाव सव्वट्ठसिद्धगा, सेत्तं अणुत्तरोववाइया // 115 // कहि णं भंते ! भवणवासिदेवाणं भवणा पण्णत्ता ? कहि णं भंते ! भवणवासी देवा परिवसंति ?, गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए, एवं जहा पण्णवणाए जाव भवणवासाइया, त(ए)त्थ णं भवणवासीणं देवाणं सत्त भवणकोडीओ बावत्तरि भवणावाससयसहस्सा भवंतित्तिमक्खाया, तत्थ णं बहवे भवणवासी देवा परिवसंति-असुरा णाग सुवण्णा य जहा पण्णवणाए जाव विहरंति // 116 // कहि णं भंते ! असुरकुमाराणं देवाणं भवणा प० ? पुच्छा, एवं जहा पण्णवणाठाणपए जाव विहरंति // कहि णं भंते ! दाहिणिल्लाणं असुरकुमारदेवाणं भवणा पुच्छा, एवं जहा ठाणपए जाव चमरे तत्थ असुरुकुमारिंदे असुरकुमारराया परिवसइ जाव विहरइ // 117 // चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुररण्णो कइ परिसाओ प० 1 गो०! तओ परिसाओ प०, तं०समिया चंडा जाया, अभितरिया समिया मज्झे चंडा बाहिं च जाया / चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुररण्णो अभितरपरिसाए कइ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ ? मज्झिमपरिसाए कइ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ? बाहिरियाए परिसाए कइ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ?, गोयमा! चमरस्स णं असुरिंदस्स 2 अभितरपरिसाए चउवीसं देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, मज्झिमियाए परिसाए अट्ठावीसं देव०, बाहि