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________________ अनुक्रमणिका खंड प्रथम (1) धार्मिक द्रव्यका संचालन करनेकी योग्यता धर्मस्थानोंमें ट्रस्टी कौन बन सके ? ट्रस्ट और ट्रस्टीमंडल चौदहक्षेत्रोंका विवरण जिनप्रतिमा और जिनमंदिर (1 + 2) जिनागम (3) साधु - साध्वी ( 4 - 5) श्रावक - श्राविका (6 - 7) : पौषधशाला (उपाश्रय) (8) पाठशाला (9) आयंबिल विभाग (10) कालकृत विभाग (11) निश्राकृत विभाग (12) अनुकंपा विभाग (13) जीवदया विभाग (14) . सामान्य सूचन (3) खंड दूसरा चौदह क्षेत्रोंसे संबद्ध प्रश्नोत्तरी जिनमूर्ति और जिनमंदिर ( 1 + 2) प्रश्नोत्तरी प्र. 1 जिन प्रतिमा किससे बनायी जाय ? कितनी बड़ी बनायी जाय ? 57 * प्र. 2 संगमरमर लानेकी विधि कैसी है ? . प्र. 3 प्रतिमाजी ग्रीवामें खंडित हो तो क्या करें ? प्र. 4 जिनप्रतिमा विदेश ली जा सकती है ? प्र. 5 अपने पासवाली प्रतिमाएँ, नकरा ग्रहण कर दूसरोंको. दी जाय ? 58
SR No.004379
Book TitleDharmik Vahivat Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekharvijay
PublisherKamal Prakashan
Publication Year1996
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devdravya
File Size22 MB
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